देश की सबसे बड़ी को-ऑपरेटिव संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टीलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) के डायरेक्टर पद का चुनाव भाजपा हार गई। कांग्रेस से जुड़े ऋषिराज सिंह सिसोदिया ने भाजपा के कौशल शर्मा को 5 वोटों से हराया है। इफको में मप्र और छग से एकमात्र डायरेक्टर चुना जाता है।
इफको में चेयरमैन का चुनाव होना था, जिसमें गुजरात के दिलीप सिंघानी चेयरमैन बन गए। इससे पहले भी वो चेयरमैन थे, वह नरेंद्र मोदी के ख़ास समर्थक बताए जाते हैं। इसके साथ-साथ इसको तहत डायरेक्टर्स का भी चुनाव होना था, जिनमें ग्वालियर ग्रामीण के बीजेपी ज़िला अध्यक्ष कौशल शर्मा का नाम बतौर डायरेक्टर मध्य प्रदेश से नाम भेजा गया था। जिसके लिए पार्टी में बकायदा व्हिप भी जारी की गई थी… वहीं, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के एड़ी चोटी के ज़ोर लगाने के बावजूद भी कौशल शर्मा डायरेक्टर का चुनाव हार गए और उज्जैन के रहने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक के बेटे ऋषिराज सिंह सिसोदिया डायरेक्टर बन गए हैं। इफको में कुल 21 डायरेक्टर होते हैं… यानी हर प्रदेश से एक प्रतिनिधित्व रहता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इफ़को, कृफको, नैफेड कॉर्परेटिव मंत्रालय के अधीन आती है और कॉरपोरेट मंत्रालय के मंत्री अमित शाह है। पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ख़ुद को अमित शाह का क़रीबी बताते हैं। बीजेपी के व्हिप जारी करने के बावजूद भी वो अपने समर्थक नेता कौशल शर्मा को चुनाव नहीं जीता पाए। उसका कारण ये बताया जा रहा है कि बीजेपी नेताओं में नरोत्तम मिश्रा का बहुत विरोध है और पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को इस बात की नाराज़गी है। हालाँकि कार्यकर्ताओं में ये भी चर्चा है कि गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों और चुनाव हारने के बावजूद भी केंद्रीय नेतृत्व नरोत्तम मिश्रा को तब्बज्जो क्यों दे रहा है।