24.7 C
Bhopal
Friday, October 11, 2024

एमपी के टाइगर रिजर्व में अवैध होटल और रिसॉर्ट का खेल, पीएम मोदी के साथ बैठक में हुआ खुलासा

Must read

मध्य प्रदेश के संजय टाइगर रिजर्व में वन विभाग और राज्य पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से होटल और रिसॉर्ट बनाए जाने का मामला सामने आया है। यह गंभीर मामला 31 जुलाई, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की बैठक के दौरान उजागर हुआ, जिससे राज्य के अधिकारियों में हड़कंप मच गया।

अवैध निर्माण का पर्दाफाश

संजय टाइगर रिजर्व के अंतर्गत सीधी और सोन घड़ियाल अभयारण्य के कठबंगला और परिसिली वन क्षेत्रों में नियमों के विरुद्ध निर्माण कार्यों का प्रस्ताव राज्य वन्यप्राणी बोर्ड के समक्ष रखा गया था। इन प्रस्तावों को राज्य वन्यप्राणी बोर्ड से मंजूरी दिलाने के लिए यह तर्क दिया गया कि इन परियोजनाओं की कुल लागत का दो प्रतिशत वन विभाग को दिया जाएगा।

लेकिन इससे पहले कि राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड से मंजूरी मिलती, अधिकारियों ने इन क्षेत्रों में 10 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से अवैध निर्माण कार्य शुरू कर दिए। पहले से मौजूद संरचनाओं को पक्का स्वरूप दिया गया, जिससे वन्यप्राणियों के प्राकृतिक परिवेश में खलल पैदा हुआ।

जब यह मामला केंद्र के सामने आया, तो 3 सितंबर को रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर अमित कुमार दुबे ने घड़ियाल अभयारण्य के अधीक्षक को कार्रवाई के निर्देश दिए। 11 सितंबर को अधीक्षक ने राज्य पर्यटन विकास निगम के रीवा संभाग के कार्यपालन यंत्री, परिसिली रिसॉर्ट के प्रबंधक, टूरिज्म बोर्ड सीधी, और कठबंगला के प्रबंधक को नोटिस जारी कर 10 दिनों के भीतर अवैध निर्माण तोड़ने का आदेश दिया।

हालांकि, 15 सितंबर को आनन-फानन में वन विभाग ने राज्य पर्यटन विकास निगम के खिलाफ वन अपराध दर्ज कर लिया, लेकिन अब तक अवैध होटल और रिसॉर्ट को तोड़ा नहीं गया है।

बचाव का प्रयास और केंद्र की योजना का हवाला

19 सितंबर को राज्य पर्यटन विकास निगम सागर के कार्यपालन यंत्री ने वन विभाग को एक पत्र लिखते हुए दावा किया कि यह निर्माण केंद्र की स्वदेश दर्शन योजना के तहत हो रहे थे, जिसमें वाइल्डलाइफ सर्किट बनाने का प्रस्ताव था। उन्होंने राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की सहमति का भी हवाला दिया, जिससे निर्माण कार्य को सही ठहराने की कोशिश की जा रही है।

इस पूरे मामले को लेकर विशेषज्ञ अजय दुबे ने अवैध निर्माण की जांच कराने की मांग की है और कहा है कि केंद्र की किसी भी योजना में अवैध निर्माण का जिक्र नहीं है। बुधवार को दिल्ली में होने वाली बोर्ड की अगली बैठक में इस पर राज्य वन्यप्राणी अभिरक्षक वीएन अंबाड़े को रिपोर्ट पेश करनी है।

इस घटनाक्रम ने राज्य में वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन के नाम पर चल रहे अवैध निर्माण के मामलों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!