भोपाल। चंबल एक्सप्रेस-वे के लिए सरकार अदला-बदली की नीति के तहत जमीन का अधिग्रहण करेगी। जिन लोगों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी।उन्हें बदले में दो गुना जमीन अन्य स्थान पर दी जाएगी। इस प्रस्ताव को मंगलवार को शिवराज कैबिनेट में फैसला होगा। केंद्र सरकार ने इस ग्रीन फील्ड चंबल एक्सप्रेस वे को भारतमाला परियोजना में शामिल किया है। लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक चंबल एक्सप्रेस वे 404 किलोमीटर लंबा है। केंद्र सरकार ने पिछले माह शिवराज सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी देते हुए इसके 312 किलोमीटर हिस्से को भारतमाला परियोजना के पहले चरण में शामिल किया है जो श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले से गुजरेगा।
कई जगह पर किसान आपसी सहमति से भूमि देने के लिए तैयार हैं। वहीं, 291 हेक्टेयर वनभूमि भी परियोजना में आ रही है। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। भूमि अधिग्रहण राज्य सरकार को करके देना है। इस मेगा हाईवे को इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि इस पर करीब 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से वाहन चल सकें।बैठक में ग्वालियर-चंबल संभाग और विदिशा जिले में अतिवर्षा और बाढ़ से पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त आवासों के लिए प्रति आवास छह हजार रुपये की सहायता देने के निर्णय का अनुमोदन किया जाएगा।
बता दें कि 62 हजार पक्के-कच्चे मकान पूरी तरह या आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं। नए आवास के निर्माण में कम से कम छह माह का समय लगता है। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर 6 हजार रुपए प्रति आवास आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है। इस पर सरकार पर करीब 4 करोड़ रुपये का वित्तीय भार संभावित है।
सरकार भारतीय जनता पार्टी को उमरिया में कार्यालय बनाने के लिए 0.20 एकड़ भूमि 30 साल के स्थायी पट्टे पर आवंटित करेेगी। कलेक्टर के प्रस्ताव पर राजस्व विभाग ने मध्य प्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 के प्रविधानों के तहत भूमि आवंटन का प्रस्ताव भेजा है। इसमें राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को जिले में एक भूखंड दिया जा सकता है। भूखंड वित्तीय वर्ष 2021-22 की कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार तय प्रविधान के अनुसार शुल्क लेकर आवंटित किया जाएगा।