الرئيسية एमपी समाचार यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की बड़ी रिसर्च में पाया गया, माँ के दूध...

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की बड़ी रिसर्च में पाया गया, माँ के दूध के जरिये बच्चे में भी पहुंच रही कोरोना की एंटीबॉडी

file photo

कोरोना से छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक नए शोध ने उम्मीद की किरण जगाई है। अध्ययन में कहा गया है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं में वैक्सीन लेने के बाद शिशु में भी एंटीबॉडी मिली है। हालांकि शिशु में बैक्सीन का कोई अंशनहीं मिला। शोध के प्रारंभिक परिणाम दुनियाभर की 10 करोड़ से अधिक स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए यह राहत भरी खबर है।

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया ने यह अध्ययन ‘फाइजर और मॉडर्ना का टीका लगवा चुकी स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर किया है। सैन फांसिस्को में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के पेरिनेटोलॉजिस्ट स्टेफनी गॉ कहते हैं कि यह शोध काफी राहत चानिन वाला है। उन्होंने कहा कि यह अध्ययन अभी काफी स्तर पर हुआ है और शुरुआती है लेकिन परिणाम बहुत सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि अब हमारा उद्देश्य यह जानना हैकि क्या ये एंटीबॉडी बच्चों को कोरोना के खिलाफ कम से कम आंशिक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। यह निष्कर्ष स्तनपान कराने वाली माताओं को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

गौरतलब है कि महामारी के दौरान गर्भवती और नई माताओं को कोरोनोवायरस के बारे में कई चिंताओं और सवालों का सामना करना पड़ा है। इस दौरान एक और बात सामने आई वह यह कि सामान्य महिलाओं की अपेक्षा गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि शरीर पहले से ही कड़ी मेहनत कर रहा है- बढ़ता हुआ गर्भाशय ऊपर की ओर धकेलता है, फेफड़ों की क्षमता को कम करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को दबा दिया जाता है ताकि बच्चे को नुकसान न पहुंचे.

नाक के रास्ते मस्तिष्क में फैल सकता है ‘कोरोना वायरस:

कोरोना वायरस मस्तिष्क की कोशिकाओं को भी संक्रमित कर सकता है। इससे मनोवैज्ञानिक और तंत्रिका तंत्र संबंधी दिक्कतों को जन्म देने वाली रासायनिक क्रियाओं को बढ़ावा मिलता है। नीदरलैंड स्थित इरेसमस यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर का हालिया अध्ययन तो कुछ यही बयां करता है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक सार्स-कोब-2 वायरस नाक के रास्ते मस्तिष्क में फैल सकता है। हालांकि, मस्तिष्क में प्रवेश करते ही 24 प्रसार धीमा पड़ जाता है, जिससे उसे ज्यादानकसान गन नहीं पहुंचता। लेकिन, इस प्रक्रिया में वायरस प्रतिरोधक तंत्र को अत्यधिक सक्रिय करने वाले साइटोकीन पैदा करता है, इसलिए प्रतिरोधक कोशिकाएं तंत्रिका तंत्र में 524 कोशिकाओं को निशाना बनाकर दिमागी विकारों को जन्म लगती हैं। अध्ययन के नतीजे ‘द लांसेट साइकैटरी स्पेशलिस्ट जर्नल’ में प्रकाशित किए गए हैं।

error: Content is protected !!
Exit mobile version