भोपाल। आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़े पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जताई है। उन्होंने मरीजों की फर्जी संख्या बताकर सरकार से ज्यादा राशि लेने वाले एवं मरीजों से अतिरिक्त राशि वसूल करने वालों को जेल भेजने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री गुरुवार को मंत्रालय में योजना की समीक्षा कर रहे थे। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने भोपाल के पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर को फोन लगवाया और आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने फर्जीवाड़े में फंसे राजधानी के वैष्णो अस्पताल की विस्तार से जांच करने और अन्य धाराओं के प्रकरण दर्ज करने को भी कहा।
वैष्णो अस्पताल ने आयुष्मान योजना के मरीजों की फर्जी संख्या बताकर सरकार से पौने दो करोड़ रुपये ले लिए थे। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अस्पताल के संचालक सहित पांच आरोपितों को जेल भेजा गया है। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों को कड़ी सजा दिलाएं। उनकी अन्य गतिविधियों की भी जांच करें। योजना में फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं होगा। बैठक में बताया गया कि 12 जिलों में संदिग्ध प्रकरण पाए जाने पर 84 अस्पतालों की जांच और आडिट कराया गया है। इनमें से भोपाल के 18 सहित प्रदेश के 27 अस्पतालों में गड़बड़ी सामने आई हैं।मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी व अधिकारियों से कहा कि दल गठित कर निजी अस्पतालों की जांच कराएं। संदिग्ध पाए गए अस्पतालों में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि न दें। काल सेंटर को सक्रिय करें, ताकि वे मरीजों से भर्ती हैं या नहीं, इस संबंध में लगातार पूछताछ करें।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक प्रियंका दास ने बताया कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या की जांच की गई है। लेखा परीक्षण दल मरीजों से बात कर रहे हैं कि उनसे अतिरिक्त राशि तो नहीं ली जा रही है। दल औचक निरीक्षण कर रहे हैं। प्रियंका दास ने बताया कि जांच में सामने आया है कि अस्पतालों ने मरीजों का फर्जी भर्ती होना बताया है और फर्जी दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड किए हैं। ऐसे मामलों में संबंधितों के खिलाफ एफआइआर कराई जा रही है। वहीं इन अस्पतालों को योजना से बाहर किया जा रहा है। मरीजों से अतिरिक्त राशि की मांग करने के मामलों में आरोपितों पर मांगी गई राशि का तीन गुना अर्थदंड लगाया जा रहा है।