राशि। जुलाई माह में न्याय के देवता, शनिदेव, शुक्रदेव ग्रहों के राजा सूर्यदेव व देवगुरू बृहस्पति की चाल में परिवर्तन होगा। इससे राशि के जातकों पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा के अनुसार 12 जुलाई को शनि वक्री अवस्था में आएंगे। शनि ग्रह की चाल में परिवर्तन के ठीक अगले दिन 13 जुलाई को शुक्र मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। 16 जुलाई को सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेंगे। इसके बाद महीने के अंत में मीन राशि में चल रहे गुरु वक्री अवस्था में आएंगे।
जुलाई महीने में शनि 12 जुलाई को दोपहर 02 बजकर 58 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। शनि कुंभ राशि में वर्तमान में वक्री अवस्था में हैं और इसके बाद मकर राशि में प्रवेश करेंगे। 23 अक्टूबर को मकर राशि में ही मार्गी हो जाएंगे।
13 जुलाई को सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर शुक्र ग्रह वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में सूर्य व बुध के विराजमान होने से त्रिग्रही योग बनेगा। मिथुन राशि में सूर्य गोचर कुछ दिन बाद होगा। शुक्र एक राशि में 23 दिन तक विराजमान रहेंगे।
ग्रहों के राजा सूर्य 16 जुलाई को रात 10 बजकर 56 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में सूर्य 17 अगस्त तक रहेंगे। इसके बाद सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। सूर्य गोचर को संक्रांति के नाम से जानते हैं। इस तरह से 16 जुलाई को कर्क संक्रांति मनाई जाएगी।
जुलाई माह में दूसरा राशि परिवर्तन 17 जुलाई को सुबह 12 बजकर 01 मिनट पर होगा। 17 जुलाई बुध कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसके बाद बुध 31 जुलाई को राशि परिवर्तन करेंगे। इस दौरान बुध कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे।
देवगुरु बृहस्पति 28 जुलाई को रात 02 बजकर 09 मिनट पर मीन राशि में वक्री अवस्था में प्रवेश करेंगे। 24 नवंबर को सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर मार्गी होंगे।