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मध्यप्रदेश में बाघिन सुंदरी कैद से आजाद, आजादी का पहला कदम और तसल्ली भरी अंगड़ाई

मंडला, मध्यप्रदेश। बाघिन सुंदरी आखिरकार कैद से आजाद होकर मंडला पहुंच गई है। बाघिन ओडिशा के सतकोशिया टाइगर रिजर्व से आजाद होकर मंडला के कान्हा नेशनल पार्क पहुंच गई है। सुंदरी को घोरेला बाड़े में छोड़ा गया। अब कान्हा में  बाघिन सुंदरी क़ो ट्रेंड किया जाएगा।

सुंदरी नवंबर 2018 से ओडिशा के सतकोशिया टाइगर रिजर्व के बाड़े में कैद थी। वहां के बाड़े में ठीक से नहीं हो रही थी देखरेख। सुंदरी को बांधवगढ़ और महावीर बाघ को कान्हा नेशनल पार्क से 29 जून 2018 को सतकोशिया टाइगर रिजर्व भेजा गया था। गौरतलब है कि साल 2018 में ही महावीर को जहर देकर मौत के घाट उतारा दिया गया था। इस बीच सुंदरी ने दो लोगों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था, जिसके बाद उसे भी मारने का प्रयास किया गया था। इसके बाद सुंदरी को एक बाड़े में कैद कर रखा गया था।

सुंदरी की आज़ादी का पहला कदम और तसल्ली भरी अंगड़ाई…अब वो आजाद है..पूरी तरह से। क़रीब तीन साल बाद..सजा ख़त्म हुई। बाड़े से जंगल में पहुंचते ही, वो कुछ ठिठकी..और फिर चल पड़ी मिलने अपनी दुनिया से।

हरे दरख्तों ने पत्तों की सरसराहट के साथ जंगल की रानी का ख़ैरमक़दम किया। जंगल की रानी सुंदरी..अब टहलेगी आज़ाद फिजा में..एक बार फिर..अपनी शाही चाल के साथ..अपनी आजाद रियासत में..और पूरा जंगल एक बार फिर उसकी दहाड़ को देगा सलामी ।

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