भोपाल। उत्तर भारत से लगातार आ रही बर्फीली हवाओं के चलते मध्य प्रदेश में ठंडक और बढ़ गई है। प्रदेश के नौ शहरों में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से भी कम हो गया है। सबसे कम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस कल्याणपुर (शहडोल) और हिल स्टेशन पचमढ़ी में दर्ज किया गया, जो इस सीजन का अब तक का सबसे न्यूनतम तापमान है।
पिछले 10 वर्षों में यह दूसरी बार है जब दिसंबर में इतनी कड़ाके की ठंड पड़ी है। भोपाल में चार डिग्री से नीचे तापमान 2021 में दर्ज किया गया था। इस रविवार को प्रदेश के 17 शहर शीतलहर की चपेट में रहे, जिनमें चार शहरों में तीव्र शीतलहर का असर दिखाई दिया।
मौसम विभाग के अनुसार, रायसेन, राजगढ़, खंडवा, शाजापुर, उमरिया, मंडला, सिवनी, नौगांव, अनूपपुर, नीमच, शिवपुरी, सिंगरौली और पचमढ़ी में शीतलहर का प्रभाव रहा, जबकि भोपाल, सीहोर, शहडोल और जबलपुर में तीव्र शीतलहर देखी गई। भोपाल, पचमढ़ी, रायसेन, राजगढ़, जबलपुर, मंडला, नौगांव, उमरिया और मलाजखंड में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, अगले दो दिन तक ठंड का असर इसी तरह बना रहेगा। इसके बाद मौसम में थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
फिलहाल, उत्तर-पश्चिम भारत में जेट स्ट्रीम (12.6 किलोमीटर ऊंचाई पर पश्चिम से पूर्व की ओर 222 किमी प्रति घंटा की गति से हवाओं का बहाव) सक्रिय है। अंडमान क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, अफगानिस्तान के आसपास पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है और मध्य पाकिस्तान से सटे जम्मू के ऊपर ऊपरी हवा का चक्रवात बन रहा है। वहीं, पूर्वी राजस्थान पर प्रति चक्रवात का प्रभाव भी देखा जा रहा है।
भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह का कहना है कि उत्तर से आ रही ठंडी हवाओं के कारण अगले दो दिन ठंड तीव्र बनी रह सकती है। इसके बाद हवाओं का रुख पूर्वी होने से ठंड में कुछ कमी आ सकती है।
पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में तापमान बेहद कम है। वहीं से आ रही सर्द हवाओं की वजह से मध्य प्रदेश में ठंड बढ़ गई है। मौसम के इस मिजाज में अगले दो-तीन दिन तक कोई खास बदलाव नहीं होगा।