भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक लाड़ली बहना योजना की 20वीं किस्त जल्द ही जारी हो सकती है, लेकिन इस बार राज्य की मोहन सरकार ने 1 लाख 63 हजार लाड़ली बहनों को अपात्र कर दिया है। इसका मतलब है कि इन महिलाओं को अब इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मोहन यादव सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह धोखाधड़ी जारी है।
लाड़ली बहनों के साथ धोखाधड़ी
कमलनाथ ने अपने एक्स (Twitter) पोस्ट में कहा, “मध्य प्रदेश में लाड़ली बहनों से मोहन यादव सरकार की धोखाधड़ी जारी है। भाजपा लाड़ली बहना योजना को समाप्त करना चाहती है। पहले चुनाव से पहले भाजपा ने लाड़ली बहनों को 3 हजार रुपये देने का वादा किया था, लेकिन अब सरकार इस योजना में शामिल महिलाओं की संख्या घटाकर, योजना का दायरा कम कर रही है।
कमलनाथ ने बताया सच्चाई
पूर्व सीएम ने आगे लिखा, “कहा जा रहा है कि 60 वर्ष से अधिक आयु वाली महिलाओं को योजना से बाहर किया जा रहा है, लेकिन सवाल ये है कि जिन महिलाओं की उम्र इस योजना के लिए पात्र बन गई है, उनका पंजीकरण क्यों नहीं किया जा रहा? दरअसल, भाजपा सरकार महिलाओं को योजनाओं से बाहर कर रही है और धीरे-धीरे इस योजना को समाप्त करना चाहती है।”
इन लाभार्थियों का नाम कटा
लाड़ली बहना योजना को राज्य सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू किया था, जिसमें शुरुआत में 1000 रुपये प्रति माह दिए जाते थे, जो बाद में बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिए गए। भाजपा सरकार ने चुनाव के दौरान इस राशि को 3000 रुपये करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक यह राशि नहीं बढ़ाई गई। इस बार 1 लाख 63 हजार महिलाओं का नाम काट दिया गया है, जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा हो चुकी है।
20वीं किस्त की जल्द ट्रांसफर
मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही लाड़ली बहनों के खातों में 20वीं किस्त ट्रांसफर करेगी। यह किस्त 10 से 12 जनवरी 2025 के बीच ट्रांसफर की जा सकती है। जहां एक ओर लाड़ली बहनों में उत्साह है, वहीं कुछ महिलाओं का नाम कटने के कारण निराशा भी देखने को मिल रही है।
कौन महिलाएं हैं पात्र
लाड़ली बहना योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलता है जिनकी उम्र 01 जनवरी 1963 के बाद और 01 जनवरी 2000 के पहले हो, परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक न हो, और परिवार में कोई ऐसा सदस्य न हो जो आयकर दाता हो या सरकारी सेवा में हो।