जबलपुर। नाम- उर्मिला अहिरवार। उम्र- 28 साल। पढ़ाई- आठवीं तक। शादी- 7 बार। इनमें से 4 राजस्थान और 3 मध्यप्रदेश में। कमाई- हर वारदात में कुछ जेवर और 15 से 20 हजार रुपए। यह प्रोफाइल है मध्यप्रदेश के जबलपुर की लुटेरी दुल्हन की। इस काम में पूरी गैंग लगी रहती। कोई मौसा तो कोई फूफा बनता। पड़ोस की महिला बुआ और मौसी बन जाती। कहानी की शुरुआत 8 साल पहले जबलपुर के धनवंतरि नगर की साईं कॉलोनी से होती है। यहां की उर्मिला अहरिवार की पहली शादी 20 साल की उम्र में अजय अहिरवार से हुई। अजय की अचानक मौत हो गई। इसके बाद उर्मिला मायके आकर रहने लगी। पिता प्रभु अहिरवार और मां बसंती मजदूरी करते हैं। उर्मिला सिलाई करके अपना खर्च चलाने लगी।
उर्मिला की भागचंद कोरी से चंडी मेले में मुलाकात हुई और दोनों में प्यार हो गया। भागचंद गंगानगर राजस्थान का रहने वाला है। उर्मिला के पड़ोस में ही अर्चना बर्मन रहती है। दो साल पहले उर्मिला की मुलाकात अर्चना ने श्याम से कराई। श्याम गंगानगर में रहता है। इस गैंग में एक और एंट्री हुई, जिसका नाम था- अमर सिंह पटेल। सभी को रुपयों की जरूरत थी, इसलिए लुटेरी दुल्हन की गैंग बनाई। अमर सिंह पटेल और श्याम दलाल का काम करने लगे। वे उम्रदराजों की तलाश करते, जिनकी शादी नहीं हो रही होती। गैंग ने 2 फरवरी 2022 को सातवां शिकार भीमगढ़ छपरा सिवनी निवासी 41 साल के दशरथ पटेल को बनाया। मंगलवार को कोर्ट स्थित मंदिर में शादी के कुछ देर बाद गहने और नकदी लेकर उर्मिला भाग गई। उसकी पड़ोस की अर्चना बर्मन पकड़ी गई और पूरी गैंग का खुलासा हो गया
ये है पूरा मामला
ओमती पुलिस ने शादी के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले एक गिरोह का खुलासा किया है। इसके चार सदस्यों को पुलिस ने दबोचा है। एक अन्य हिरासत में है। पुलिस ने मामले में लुटेरी दुल्हन उर्मिला अहिरवार (रेनू राजपूत), नेहरू नगर पहाड़िया गढ़ा निवासी अर्चना बर्मन (अर्चना राजपूत नाम से रेनू की मौसी बनी थी), शाही नाका गढ़ा निवासी अमर सिंह ठाकुर (रेनू का चाचा) और भागचंद कोरी (उर्मिला का प्रेमी) को गिरफ्तार किया है। उर्मिला अहिरवार की नवनिवेश कॉलोनी गंगानगर गढ़ा निवासी भागचंद कोरी से दो साल पहले चंडी मेले में मुलाकात हुई थी, तब से वे एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे। दोनों एक-दूसरे से शादी करना चाहते थे, लेकिन उसके कदम फरेब और फ्रॉड पर बढ़ते हुए जेल तक पहुंच गए।