ग्वालियर | के तानसेन नगर में इटावा निवासी 22 वर्षीय देवेन्द्र (बदला हुआ नाम) किराए पर रहता है। देवेन्द्र यहां से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। मकान मालिक रामेश्वर प्रसाद उसे अपने बेटा जैसा मानते थे, बल्कि एक समय का खाना भी वह मकान मालिक के घर ही खाता था। अभी 3 दिन पहले सर्दी खांसी होने पर देवेन्द्र ने कोविड टेस्ट कराया था। दो दिन पहले वह कोविड पॉजिटिव निकला।
वह कोविड पॉजिटिव निकला तो स्वास्थ्य विभाग की टीम उसके घर पहुंची और बाहर कोविड का पर्चा चिपका आई। इसके बाद आसपास के लोगों ने उस घर से और घर के लोगों से दूरियां बना लीं। इससे मकान मालिक अभी तक जिसे बेटा मानता था उससे मकान खाली करने की कहने लगा है। मकान मालिक का कहना है कि देवेन्द्र के चक्कर में वह परेशान हो रहा है। मोहल्ले के लोगों ने उनसे बात करना बंद कर दिया है।
अभी तक जो मकान मालिक, किराएदार को बेटा कहते नहीं थकते थे वह अब उसे हर हालत में घर से निकालना चाहते हैं। क्योंकि तीन दिन पहले किराएदार छात्र कोरोना पॉजिटिव आया है। मकान मालिक घबराया हुआ है। मकान मालिक का सोचना है कि किराएदार के कारण यह कोरोना मुसीबत उनके पूरे घर में नहीं फैल जाए। वह लगातार छात्र पर मकान खाली करने दबाव बना रहा है। छात्र ने कोविड कन्ट्रोल रूम पर फोन कर इस तरह अपना दर्द बंया किया है। कोविड कन्ट्रोल रूम से तत्काल एक्शन लेकर छात्र के मकान मालिक से बात कर उसे समझाया गया है। उसे बताया गया कि वह पूरी एहतिहात से रहेंगे तो कोरोना उन तक नहीं पहुंचेगा। ऐसे समय में किराएदार का दर्द समझें और बेदर्द न बनें। पुलिस ने भी उसे समझाया है कि ऐसे में छात्र को यहां से नहीं निकालें।