भोपाल। प्रदेश में 15 माह के सत्ता सुख के बाद अपदस्थ हुई कांग्रेस एक बार फिर चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी करने जा रही है। 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए संगठन स्तर पर तैयारियों की शुरुआत के साथ ही वरिष्ठ नेताओं के बीच परिवारवाद की घुसपैठ शुरू हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ इसी माह कार्यकारिणी की घोषणा कर सकते हैं, लेकिन पार्टी क्षत्रपों की महत्वाकांक्षा इसमें आड़े आने की खबर है। राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह जुगत में हैं कि उनके पुत्र जयवर्धन को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी मिले, जबकि नाथ इस पद को ही समाप्त करने की तैयारी कर रहे हैं।
कमल नाथ की नई टीम करीब 60 पदाधिकारियों की होगी, जिसमें आधे पदों की जिम्मेदारी युवा चेहरों को देने की कोशिश है। नाथ प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष का पद इसलिए समाप्त करना चाहते हैं कि तीन में से दो कार्यकारी अध्यक्षों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। सुरेंद्र चौधरी और रामनिवास रावत कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए चुनाव हार गए थे, वहीं जीतू पटवारी चुनाव तो जीत गए, लेकिन कमल नाथ के साथ संगठन में उनकी सहभागिता कम ही रही।
इधर, दिग्विजय चाहते हैं कि युवा चेहरे के तौर पर जयवर्धन को मौका दिया जाए, जिससे भविष्य में वह प्रदेश अध्यक्ष की दावेदारी कर सकें । जयवर्धन को कमल नाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। चूंकि कमल नाथ अपने पुत्र नकुल नाथ को छिंदवाड़ा से सांसद बनवा चुके हैं, इसलिए वे जयवर्धन को लेकर इन्कार करने की स्थिति में नहीं हैं।