ग्वालियर। कोरोना वायरस की तीसरी लहर में लगातार मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है। गत एक जनवरी से 10 जनवरी तक आए 2423 पाजिटिव मरीजों में से 1433 ऐसे हैं, जिन्हें कोविड टीके की दोनों डोज लग चुकी हैं। इसके चलते इन मरीजों को किसी भी तरह के गंभीर लक्षण सामने नहीं आ रहे हैं। इनमें से 42 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें कोविड टीके की सिंगल डोज लग चुकी है। भले ही इन मरीजों का टीकाकरण पूरा नहीं हुआ है, लेकिन पहली डोज से बढ़ी इम्युनिटी इन्हें संक्रमण से बचने में मदद कर रही है। 66 मरीज ऐसे भी हैं, जिन्होंने अभी तक कोरोना का कोई टीका ही नहीं लगवाया है। इसके साथ ही 9 साल तक के 28 बच्चे और 10 से 19 साल आयु वर्ग के 120 मरीज हैं। ये मरीज टीकाकरण के दायरे में नहीं हैं।
कोविड की तीसरी लहर के साथ ही स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की टीम ने कोविड पाजिटिव आने वाले मरीजों से फोन पर संपर्क कर उनसे जानकारी इकट्ठी की है। गत 10 जनवरी तक का डाटा एकत्रित होने के बाद यह जानकारी सामने आई है कि इन मरीजों में से 1605 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें बीमारी से संबंधित कोई लक्षण नहीं हैं। सर्दी-खांसी, बुखार जैसे हल्के लक्षण वाले 79 मरीज अभी मिले हैं। ऐसे में मरीजों को लक्षणों के आधार पर दवा उपलब्ध कराई गई है। सिर्फ 28 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें तबियत बिगड़ने की स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। कई मरीजों ने सैंपल देते समय जो मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए थे, उन पर कॉल करने पर अब संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसके चलते इन मरीजों के टीकाकरण या फिर तबियत के बारे में ज्यादा जानकारी इकट्ठी नहीं हो पा रही है।
प्रतिदिन आने वाली कोविड जांच रिपोर्ट में यह भी देखने में आ रहा है कि पहली और दूसरी लहर में पाजिटिव हो चुके मरीज अब तीसरी लहर में भी संक्रमित हो रहे हैं। स्मार्ट सिटी के अनुमान के मुताबिक अभी तक मिले मरीजों में से 20 प्रतिशत यानी लगभग 484 मरीज ऐसे हैं, जो दूसरी बार पाजिटिव आए हैं। ऐसे मरीजों में भी कोई गंभीर लक्षण नहीं दिख रहे हैं।
तीसरी लहर में बुजुर्गों के बजाय 20 से 29 वर्ष के युवा ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे सर्वाधिक 387 मरीज पाजिटिव हैं। 30 से 39 वर्ष के 260, 40 से 49 वर्ष के 204, 50 से 59 वर्ष के 182, 60 से 69 वर्ष के 87, 70 से 79 वर्ष के 43, 80 से 89 वर्ष के 5 और 90 से 99 वर्ष के बीच का सिर्फ एक मरीज सामने आया है।