इंदौर। अंतरराष्ट्रीय बुलियन वायदा मार्केट में सप्ताह के अंतिम कारोबार दिवस शुक्रवार को सोने में अच्छी लेवाली के चलते वायदा मजबूती पर टिका रहा। इधर, भारतीय बाजार में वैवाहिक सीजन वालों की गहनों में खरीदी का सपोर्ट बराबर बना रहने से सोने की कीमतों में सुधार जारी रहा। इंदौर में सोना केडबरी 100 रुपये बढ़कर 52450 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। वहीं विदेशों में चांदी कमजोर रही। कामेक्स पर चांदी फिर 32 सेंट टूटकर 21.75 डालर प्रति औंस पर आ गई। इसके चलते घरेलू बाजार में भी चांदी की कीमतों में पुन: नरमी का वातावरण रहा।
इंदौर में चांदी 200 रुपये घटकर 63100 रुपये प्रति किलो रह गई। इन दामों पर भी मांग बेहद कमजोर है। दरअसल बीते दिनों के उछाल के बाद अब डालर दो दशक के उच्च स्तर से पीछे हट गया है और अमेरिकी आर्थिक विकास पर बढ़ती चिंताओं ने निवेशकों को सुरक्षित-संपत्ति की ओर रुख कर लिया है। स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट के एनालिस्ट नृपेंद्र यादव के अनुसार हालांकि, यूएस फेडरल रिजर्व की आक्रामक दर वृद्धि और बैलेंस शीट कटौती अभी भी सोने की तेजी के लिए प्रमुख प्रतिरोध होगा।
पीपुल्स बैंक आफ चाइना ने एक वर्षीय लोन प्राइम रेट (एलपीआर) को 3.7 प्रतिशत पर रखा, जबकि पांच साल के एलपीआर को पिछले महीने के 4.6 प्रतिशत से घटाकर 4.45 प्रतिशत कर दिया है। पीपुल्स बैंक आफ चाइना द्वारा पांच वर्षीय एलपीआर में कटौती से औद्योगिक धातुओं और कच्चे तेल के भाव को सपोर्ट मिला है जिससे कीमती धातुओं के भाव भी पिछले सप्ताह तेज हुए हैं। अमेरिकी ट्रेरी यील्ड घट कर तीन प्रतिशत के नीचे आ चुकी जबकि डालर, जो सोने के विपरीत दिशा में चलता है, लगातार तेज रहने के बाद पिछले सप्ताह 1.64 प्रतिशत टूट चुका है।
ग्लोबल शेयर बाजार साढ़े चार माह से दबाव में है, अमेरिकी दावजोन्स इंडस्ट्रीयल एवरेज फ्यूचर पिछले सप्ताह दो प्रतिशत तक फिसल गया है जिससे निवेशकों का रुझान कीमती ध्ाातुओं की ओर बढ़ने लगा है और सोने-चांदी के भाव सस्ते रहने से इनकी चमक बढ़ने लगी है। अगले सप्ताह सोने और चांदी के भाव में तेजी रहने की संभावना है। हालांकि एफओएमसी मीटिंग मिनट्स के रहते तेजी सीमित रह सकती है। सोने में 49800 रुपये पर सपोर्ट है और 51500 पर प्रतिरोध है। चांदी में 61000 रुपये पर सपोर्ट और 63000 रुपये पर प्रतिरोध है।