भारत को भी ब्रिटेन की तरह साइकिल चलाने पर केंद्रित मोटापा विरोधी मुहिम शुरू करनी चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को भी लोगों में मोटापे की समस्या को दूर करने के लिए ब्रिटेन की तरह साइकिल चलाने पर जोर देने की रणनीति अपनानी चाहिए. ऐसा माना जा रहा है कि मोटापे के कारण कोविड-19 संबंधी जटिलताएं भी बढ़ जाती हैं. ‘पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड’ (पीएचई) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक मोटापे की समस्या से ग्रसित लोगों को कोविड-19 के कारण अधिक जटिलताओं एवं मौत का अधिक खतरा है और उन्हें अस्पताल एवं आईसीयू में भर्ती करने की अधिक जरूरत पड़ती है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने देशभर में साइकिल चलाने के लिए हजारों मील लंबा सुरक्षित मार्ग बनाने, साइकिल चलाने एवं पैदल चलने वालों की रक्षा के लिए ‘हाईवे कोड’ को मजबूत करने और चिकित्सकों को मरीजों को साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से दो अरब पौंड की निवेश की पहल की
भारत को भी ब्रिटेन की तरह साइकिल चलाने पर केंद्रित मोटापा विरोधी मुहिम शुरू करनी चाहिए
गुड़गांव स्थित पारस अस्पताल में ‘जनरल एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी’ के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. नवीन सतीजा ने कहा, ‘‘मोटापा दूर करने के लिए साइकिल चलाने को प्रोत्साहित करने की ब्रिटेन की नई रणनीति एक दिलचस्प जन स्वास्थ्य नीति पहल है. हमारा मानना है कि भारत को भी विशेषकर शहरी इलाकों में काम पर जाने के लिए मोटर चालित वाहनों के बजाए साइकिल के प्रयोग की मुहिम शुरू करनी चाहिए.” उन्होंने चिंता जताई कि कोविड-19 संबंधी चिंताओं ने लोगों की गतिविधियों को बाधित कर दिया है. डॉ. सतीजा ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि लोग इस समय व्यायाम के सुरक्षित तरीके खोजें.”
गुड़गांव के कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अमिताभ घोष ने कहा, ‘‘लोग इस समय घरों के भीतर रह रहे हैं और व्यायामशालाओं में जाने एवं समूह में योग करने से बच रहे हैं, ऐसे में अधिक वजन वाले लोगों की संख्या और बढ़ने की आशंका है.” उन्होंने कहा, ‘‘शहरों में साइकिल चलाने के लिए समर्पित एवं सुरक्षित मार्ग लोगों को काम पर जाने के लिए साइकिल के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करेगा.” हीरो मोर्ट्स कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक पंकज एम मुंजाल ने भी ब्रिटेन की तरह साइकिल चलाने को प्रोत्साहित करने का समर्थन किया।
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