भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव अपने चरम पर हैं। वहीं, भारतीय सेना ने पिछले तीन हफ्तों में चीन को पटखनी देते हुए पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर छह नए प्रमुख पहाड़ी ठिकानों पर कब्जा कर लिया है।
सरकार के शीर्ष स्रोतों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, भारतीय सेना ने 29 अगस्त से सितंबर के दूसरे सप्ताह के बीच छह नए ऊंचाई वाले ठिकानों पर कब्जा कर लिया है। हमारे सैनिकों द्वारा कब्जा किए जा रहे नए पहाड़ी क्षेत्रों में मागर हिल, गुरुंग हिल, रेसेन ला, रेजांग ला, मोखपारी और फिंगर 4 के पास चीनी उपस्थिति वाले क्षेत्र शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि ये पहाड़ी क्षेत्र निष्क्रिय पड़े हुए थे और भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों से पहले इस क्षेत्र पर कब्जा जमा लिया, जो इस क्षेत्र में इन प्रभावी ऊंचाइयों पर कब्जा जमाना चाहते थे। हमारे जवानों को अब दुश्मन चीन के खिलाफ इन क्षेत्रों में बढ़त हासिल हुई है।
सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना की ऊंचाइयों पर कब्जे की कोशिशों को नाकाम करने के दौरान पेंगोंग के उत्तरी तट से झील के दक्षिणी किनारे तक कम से कम तीन मौकों पर हवा में गोलियां चलाई गईं। सूत्रों ने स्पष्ट किया कि ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप पहाड़ी क्षेत्र एलएसी के चीनी हिस्से पर हैं, जबकि भारतीय सेना द्वारा कब्जा की गई ऊंचाइयां भारतीय क्षेत्र में एलएसी पर हैं।
भारतीय सेना द्वारा ऊंचाइयों पर कब्जे के बाद, चीनी सेना ने रेजांग ला और रेचेन ला हाइट्स के पास अपनी संयुक्त हथियारों की ब्रिगेड की लगभग 3,000 अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है। इसमें चीन की पैदल सेना और बख्तरबंद सैनिक शामिल हैं।
चीनी सेना की मोल्डो गैरीसन भी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा पिछले कुछ हफ्तों में अतिरिक्त सैनिकों के साथ पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। चीन के साथ तनाव के बाद, भारतीय सुरक्षा बल अधिक समन्वय के साथ काम कर रहे हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की निगरानी में चीन के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। गौरतलब है कि पेंगोंग त्सो झील के साथ-साथ एलएसी के कई घर्षण बिंदुओं पर भारत का चीन के साथ तनाव कायम है।