ग्वालियर। ग्वालियर के एक जाबांज बेटे की पठानकोट के बेस कैंप में हार्ट अटैक से मौत हो गई है। जवान एक महीने की छुट्टी पर घर आया था और दो दिन पहले ही वापस पठानकोट पहुंचा था। ड्यूटी ज्वॉइंन करते ही उसे हार्ट अटैक आया और उसने हॉस्पिटल ले जाने से पहले ही दम तोड़ दिया। भारतीय सेना के जवान अंसार बेग मिर्जा का सपना था कि उसका कभी मौत से सामना हो तो जंग के मैदान में हो।
वह ग्वालियर के मुरार बंशीपुरा का रहने वाला है। सेना में नौकरी करने का जज्बा उसे विरासत में मिला है। तीन भाइयों में वह बीच का है, लेकिन तीनों भाई सेना में है। बड़ा भाई हाल ही में रिटायर्ड हुआ है। 32 वर्षीय अंसार बेग मिर्जा के पार्थिव देह को सेना के सम्मान के साथ रविवार को सागरताल स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द के खाक किया गया है। इस मौके पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पहुंचकर जवान को श्रद्धांजलि दी है।
जवान अंसार बेग मिर्जा के परिवार उसकी पत्नी शमसुन, बेटा आहिल (7), बेटी आशिया (6) हैं। अभी एक महीने तक वह अपने परिवार के साथ था। उसने 26 दिन पूरे परिवार के साथ गुजारे और हर वो पल जिया जो हमेशा वह सोचता था। परिवार को वह बॉर्डर की गतिविधियां भी बताता था। जब घर पर था तो कहता था कि उसकी इच्छा है कि जब भी उसका मौत से सामना हो तो जंग के मैदान में हो। पर कोई नहीं जानता था कि भगवान को कुछ और ही मंजूर था।