दमोह। दमोह जिले में बोरवेल में गिरे 2 साल के मासूम प्रिंस की मौत हो गई। प्रशासन ने 6 घंटे रेस्क्यू चलाया, लेकिन बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी। बच्चे को बोरवेल से निकालने के बाद अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पटेरा अस्पताल के BMO अशोक बरोनिया ने बताया कि बोरवेल से निकाले जाने के 2 घंटे पहले ही मासूम की मौत हो चुकी थी। हादसे के बाद पूरे इलाके में मातम छा गया है. 15 दिन बाद ही बच्चे का बर्थ-डे था।
बताया जाता है कि 2 जेसीबी मशीनें गड्ढा खोदने के लिए नाकाफी थीं। गड्ढा एक-दो घंटे में खुद जाना चाहिए था, लेकिन वह 5 घंटे में खोदा जा सका। जैसे-जैसे प्रिंस को निकालने में समय बढ़ता जा रहा था वैसे-वैसे लोगों उम्मीद घटने लगी। प्रिंस के परिजन से लेकर प्रिंस के गांव और आसपास के गांव के लोग भगवान से लगातार प्रार्थना करते रहे. प्रिंस के बोर से बाहर निकलने के बाद उसे तत्काल मेडिकल परीक्षण के लिए पटेरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गौरतलब है कि 25 फरवरी को भी मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में 4 साल के मासूम गौरव की बोरवेल में गिरने से मौत हो गई थी। 25 फरवरी को सुबह 4 बजे NDRF की टीम ने मासूम को बोरवेल से बाहर निकाला था, लेकिन उसमें जान नहीं थी। गौरव 24 फरवरी को जिले के बड़छड़ गांव में खेलते हुए खेत तक पहुंच गया था। यहां अचानक वह खुले पड़े बोरवेल में गिर गया था। सूचना मिलते ही प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन किया और सबसे पहले बच्चे के लिए बोर में ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई। इसके बाद 3-4 जेसीबी मशीनों के जरिये बोर के समानांतर खुदाई का काम शुरू किया गया। ये खुदाई 16-17 घंटे तक लगातार चली।