मुझे अत्यंत दुःख है की निवाड़ी के सैतपुरा गांव में अपने खेत के बोरवेल में गिरे मासूम प्रहलाद को 90 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी बचा नहीं पाए।
एसडीआरएफ़, एनडीआरएफ़, और अन्य विशेषज्ञों की टीम ने दिन-रात मेहनत की लेकिन अंत में आज सुबह 3:00 बजे बेटे का मृत शरीर निकाला गया।
दुःख की इस घड़ी में, मैं एवं पूरा प्रदेश प्रहलाद के परिवार के साथ खड़ा है और मासूम बेटे की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है।
सरकार द्वारा प्रहलाद के परिवार को ₹5 लाख का मुआवज़ा दिया जा रहा है, एवं उनके खेत में एक नया बोरवेल भी बनाया जाएगा।
मैं उन सभी से करबद्ध प्रार्थना करता हूँ की जो भी अपने यहाँ बोरवेल बना रहे है, वो बोर को किसी भी समय खुला न छोड़े। पहले भी ऐसे अकस्मात में बहुत से मासूम अपने जीवन गंवा चूके है।
आप सब भी कहीं अगर अपने आस-पास बोरवेल बन रहे हो तो उसे मज़बूती से ढँकने का प्रबंध करे और करवाये।