हरदा। हरदा जिले के एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा नौ में पढ़ने वाले तनिश की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह रोज की तरह हंसते-खेलते ही स्कूल गया था। वहां उसे चक्कर आया और वह गिर गया। स्कूल वालों ने पानी पिलाने की कोशिश की। फिर घर छोड़ आए। परिजन बच्चे को अस्पताल में ले गए, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि बच्चे की मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। इसकी पुष्टि विसरा की जांच के बाद ही हो सकेगी।
मामला हरदा जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर नकवाड़ा के रेड फ्लॉवर स्कूल का है। शुक्रवार को 14 साल का तनिश रोज की तरह स्कूल पहुंचा था। स्कूल के प्राचार्य एसएन शर्मा का कहना है कि तनिश को अचानक चक्कर आया और वह गिर गया। उसे हमने पानी पिलाया। फिर परिजनों को कॉल किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल वे लेकर जाएंगे। हमने दो शिक्षकों के साथ बच्चे को घर भिजवा दिया। तनिश के पिता दिनेश सैनी एक कितान हैं। तनिश की एक छोटी बहन भी है। तनिश की मां रुचिता ने बताया कि स्कूल जाने से पहले वह ठीक था। उसे पहले से कोई बीमारी नहीं थी। हमें तो पता ही नहीं था कि खेलता-कूदता स्कूल गया तनिश अब कभी लौटकर नहीं आएगा
तनिश का पोस्टमॉर्टम जिला अस्पताल में हुआ। रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारण का पता चल सकेगा। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बृजेश रघुवंशी ने मीडिया से कहा कि कार्डियक अरेस्ट की शंका को इनकार नहीं किया जा सकता। उसका एलर्जी का इलाज भी चल रहा था। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉ. शैलेंद्र परिहार ने कहा कि फेफड़े और हार्ट के नमूने जांच के लिए भेजे हैं। विसरा सुरक्षित रखा है। शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं है। मौत की वजह फेफड़े या हार्ट की कोई दिक्कत हो सकती है।
स्कूल में चक्कर आने पर परिजनों को सूचना दी गई। प्राचार्य का दावा है कि घरवालों ने कहा था कि वे बच्चे को अस्पताल लेकर जाएंगे। इस वजह से दो शिक्षकों के साथ बच्चे को घर भिजवा दिया। वहीं, परिजन कह रहे हैं कि बच्चे को अस्पताल लेकर जाते तो जान बचाई जा सकती थी। स्कूल से जिला अस्पताल 20 किमी दूर है और घर तीन किलोमीटर। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे को अस्पताल लाने से करीब तीस मिनट पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी।