ग्वालियर। यह कहावत तो आपने सुनी होगी, कि जल ही जीवन है। लेकिन इसका सही अर्थ समझा रही हैं ग्वालियर की रहने वाली सावित्री श्रीवास्तव। वॉटर वूमन के नाम से मशहूर सावित्री श्रीवास्तव को जल संरक्षण का ऐसा जूनन चढ़ा है,कि उन्होंने सारी मुश्किल को पीछे छोड़कर देश के अलग-अलग राज्यों में हजारों वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगवा दिए है। इन प्रयासों के माध्यम से सावित्री श्रीवास्तव ने अरबों लीटर पानी बचाया है। सावित्री पूरे देश भर में पिछले कई सालों से सूखे पड़े बोरबेल, कुएं और बावड़ी को रिचार्ज कर उन्हें जीवनदान दे रही हैं और उनके इस काम की सराहना करते हुए भारत सरकार ने उन्हें ‘जल हीरो’ की उपाधि दी है।
पंजाब के पटियाला में एक आर्मी मैन की बेटी के रूप में जन्म लेने वाली सावित्री श्रीवास्तव ने 18 साल पहले जल संरक्षण अभियान की शुरुआत की थी। सावित्री बताती हैं ,कि नल और वॉश बेसिन का बहता पानी, लोगों द्वारा गाड़ी धोने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला पानी और बारिश के पानी का बर्बाद होना उनके लिए काफी तकलीफ देह होता था। इसके बाद उन्होंने जल को संरक्षित करने की कोशिश की। जिस पर बहुत मेहनत के बाद उन्हें सफलता हासिल हुई। उसके बाद सावित्री ने सारी मशीनों को पीछे छोड़ कर बस पानी को सहेजने के लिए एक मुहिम छेड़ दी। सावित्री श्रीवास्तव ने हजारों की संख्या में सूखे पड़े बोरवेल और कुए बावड़ी को रिचार्ज कर उन्हें नया जीवनदान दिया है। उन्होंने वॉटर लेवल को भी बढ़ाया है। सावित्री के कारण सैकड़ों की संख्या में कुएं और बावड़ी आज लोगों की प्यास बुझा रहे हैं। यही वजह है, कि अब सावित्री को देश के अलग-अलग राज्यों से बुलावा आ रहा है और वह अलग-अलग राज्यों में जल संरक्षण का काम भी कर रही हैं। सावित्री श्रीवास्तव ने शासकीय और अशासकीय संस्थाओं के साथ ही सड़कों पर भी एक हजार से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाकर कई लीटर पानी सीधे जमीन के अंदर पहुंचा कर वाटर लेवल को तो बढ़ाया ही है।इसके अलावा वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए आसपास हरियाली लाने में उनका योगदान काफी सराहनीय है।
ग्वालियर संभाग के सबसे बड़े शिक्षण संस्थान जीवाजी विश्वविद्यालय और पूरे शहर भर में पिछले कई वर्षों में सूखे पड़े बोरवेल और बाबड़ी को रिचार्ज कर उन्हें जीवनदान भी दिया है। जल संरक्षण के लिए लगातार कार्य कर रही सावित्री की सराहना भारत सरकार ने भी की और अभी हाल में ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने उन्हें “जल हीरो” की उपाधि दी है। वह लगातार देश भर में जल संरक्षण को लेकर बेहतर काम कर रही हैं, यही वजह है ,कि सावित्री के इस कार्य से प्रेरणा लेकर ग्वालियर ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में पानी सहेजने का काम किया जा रहा है।