दमोह उप चुनाव में बीजेपी को मिली हार के बाद 7 बार के विधायक रहे पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात की। मलैया दोपहर 12 बजे शर्मा के चार इमली स्थित सरकारी आवास पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि पार्टी द्वारा हार के लिए जिम्मेदार मानते हुए दिए गए शोकॉज नोटिस का जवाब मलैया ने दे दिया है।

दमोह उपचुनाव में हार के बाद बीजेपी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर मलैया परिवार और चार मंडल अध्यक्षों पर कार्रवाई की थी। इसके बाद कई वरिष्ठ नेता मलैया के समर्थन में आकर खड़े हो गए। उसके बाद बीजेपी डैमेज कंट्रोल करने में जुट गई है।

मलैया परिवार पर कार्रवाई के बाद बीजेपी कुछ समर्थकों ने पार्टी छोड़ दी है। इसके साथ ही पूर्व मंत्री अजय विश्नोई, हिम्मत कोठारी और कुसुम मेहदेले ने भी मलैया के समर्थन में आवाज उठाई। इन लोगों ने कार्रवाई को अनुचित कहा था और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मनोबल गिराने वाला बताया था।

सूत्रों ने बताया कि बीजेपी नेतृत्व ने यह महसूस किया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को प्रदेश की राजनीति में ज्यादा तवज्जो मिल रही है, इससे पुराने पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ी है। जानकारी के अनुसार इसे लेकर एक दिन पहले गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बीच बैठक हुई है। साथ ही संभावित फार्मूले को लेकर एक संकेत दिए हैं, जिसके जरिए नाराजगी को कंट्रोल किया जाएगा।

पार्टी के एक बड़े नेता ने कहा कि कथित तौर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कार्रवाई उचित है, लेकिन हम नहीं चाहते कि क्षेत्र के नेताओं में दरार पैदा हो। दरअसल, बीजेपी ने जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया को पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर सस्पेंड कर दिया है। साथ में चार मंडल अध्यक्षों पर भी 7 मई को कार्रवाई की है। वहीं, जयंत मलैया को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।