इंदौर. इंदौर में कोरोना कर्फ्यू के दौरान सड़क पर निकलना एक युवक के साथ उसके कुत्ते को भी भारी पड़ गया. पुलिस ने मालिक सहित श्वान को हिरासत में ले लिया. हालांकि कुछ देर बाद नसीहत देकर दोनों को रिहा कर दिया गया.
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने लॉकडाउन में सख्ती करने के आदेश जारी किए थे. इस वजह से सुबह से ही पुलिस सड़क पर नाका बंदी कर रही थी और उसकी नज़र बेवजह सड़क पर घूमने वालों पर थी. कुछ लोगो को हिरासत में लिया तो कुछ को तत्काल समझा कर रवाना कर दिया.
गश्त के दौरान पलासिया थाना पुलिस की टीम गीता भवन मंदिर क्षेत्र में पहुंची. यहां कैलाश पार्क में रहने वाले एक शख्स अपने पालतू कुत्ते जूजू को घुमा रहे थे. खुले क्षेत्र में पालतू कुत्ते को घुमाता देख पलासिया पुलिस ने युवक को कुत्ते जूजू सहित गिरफ्तार कर जेल वाहन में बैठा लिया और उन्हें पलासिया थाने स्थित अस्थायी जेल लेकर पहुंच गयी. उक्त शख्स के अलावा बेवजह सड़क पर घूमने वाले 10 अन्य लोगों को भी पलासिया पुलिस ने गिरफ्तार किया.
हालांकि शख्स ने पुलिस को दलील दी कि वह हर दिन सुबह जल्दी उठकर अपने पालतू कुत्ते जूजू को घुमाने ले जाते हैं. लेकिन आज तबीयत खराब होने की वजह से वह घर से देरी से निकले थे. अपनी कैलाश पार्क सोसाइटी में वह श्वान को नित्यक्रिया के लिये नहीं छोड़ सकते. इस वजह से उसे लेकर सोसायटी के गेट के बाहर निकले थे.
हिरासत में आया युवक रियल स्टेट कारोबारी है. उन्हें थायराइड और शुगर की बीमारी है. वह जूजू को 5 मिनट के लिए घुमाने घर से निकले थे पुलिस की इस कार्रवाई की पशु प्रेमियों ने निंदा की है. पेटा सदस्य प्रांशु जैन ने कहा पुलिस एक डॉग को कैसे गिरफ्तार कर सकती है. घर नजदीक था तो वह डॉग को घर छुड़वा कर भी उन्हें गिरफ्तार कर सकती थी. पुलिस ने ही एनिमल थाना खुलवाया है. अब वही जानवरों पर अत्याचार कर रही है हालांकि पुलिस अधिकारियों की यह दलील है कि हमने सिर्फ मालिक को हिरासत में लिया था, श्वान से कोई लेना देना नहीं था. बल्कि यह भी कहा था कि वो परिवार के सदस्य को बुलाकर कुत्ते को उसके सुपुर्द कर दे.