भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने गुरुवार को भोपाल में मीडिया से अनौपचारिक चर्चा में यह इशारा किया कि वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, क्योंकि उन्हें सभी सीटों को देखना है। बाद में प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इसे लेकर जब ट्वीट कर दिया तो बड़ी राजनीतिक हलचल मची और प्रदेश कांग्रेस की ओर से इससे इनकार किया गया। पार्टी के मीडिया विभाग की ओर से बाजाप्ता पत्र जारी कर सफाई पेश करते कहा गया कि कमल नाथ ने आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के विषय में कोई घोषणा नहीं की है।
मीडिया से इसी चर्चा में कमल नाथ ने कहा था कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर कोई विवाद नहीं है। पहले ही कह चुका हूं कि मैं किसी पद की दौड़ में नहीं हूं। पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता मिलकर मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। जिन सीटों पर पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है, वहां पहले प्रत्याशी घोषित किए जाएंगे। आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नए और युवा चेहरों को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि हर स्तर पर तैयारी चल रही है। मैं लगातार कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहा हूं।
जब कमल नाथ से भावी मुख्यमंत्री को लेकर पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव की राय को लेकर प्रश्न हुआ तो उन्होंने कहा कि सब वही बात कह रहे हैं, जो हमारी व्यवस्था में है। जहां तक बात सर्वे की है तो मैं लगातार स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं से फीडबैक लेता हूं। नगर निगम के चुनाव में भी ऐसा ही किया था और उसके परिणाम सामने हैं। सरकार द्वारा प्रदेश में पांच फरवरी से प्रारंभ की गई विकास यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि जगह-जगह से विरोध की बात सामने आ रही है। प्रदेश में निवेश को लेकर सरकार के दावे को कागजी बताते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी उद्योगपति आज प्रदेश में उद्योग स्थापित नहीं करना चाहता है। निवेश विश्वास से आता है और आज इसका संकट है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चल रहे विवाद पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी के हाथ में कुछ नहीं है। आपस में लट्ठ चल रहे हैं। पहले कमल नाथ अपने आप को भावी मुख्यमंत्री बता रहे थे और अब अवश्यंभावी मुख्यमंत्री बता रहे हैं। स्थिति यह हो गई है कि कांग्रेस के नेता ही कह रहे हैं कि कोई मुख्यमंत्री तय ही नहीं है।