छिंदवाड़ा। मप्र में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव पास आ रहे हैं, वैसे-वैसे नेताओं द्वारा कराए जाने वाले धार्मिक आयोजन भी बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में सीहोर के कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा, बागेश्वरधाम के धीरेंद्र शास्त्री सहित अन्य कथावाचकों की कथा कई नेता करा चुके हैं। अब छिंदवाड़ा के सिमरिया हनुमान मंदिर परिसर में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा चार से सात अगस्त तक बागेश्वरधाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की रामकथा कराई जा रही है। इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है। घर-घर आमंत्रण दिए जा रहे हैं।
इधर, भाजपा नेताओं ने इस पर प्रश्न उठाए हैं कि जब इसे गैर राजनीतिक आयोजन बताया जा रहा है तो फिर कांग्रेस कार्यकर्ता घर-घर जाकर पीले चावल देकर लोगों को आमंत्रण क्यों दे रहे हैं। आयोजन के प्रचार-प्रसार में कांग्रेस के चुनाव चिन्ह का उपयोग क्यों किया जा रहा है।
रामकथा का आयोजन मारुति नंदन सेवा समिति द्वारा कराया जा रहा है। समिति के अध्यक्ष आनंद बख्शी भी आयोजन को गैर राजनीतिक बता रहे हैं। उनका कहना है कि समिति के सदस्य घर-घर जाकर लोगों को आमंत्रण दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर रामकथा की तैयारी में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, उनके बेटे सांसद नकुल नाथ सहित अन्य कांग्रेस विधायक व अन्य नेता जुटे हुए हैं।
इधर, इस आयोजन को लेकर भाजपा के प्रदेश समिति सदस्य शेषराव यादव ने प्रश्न उठाते हुए कहा कि एक तरफ तो कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दिया था कि राम जैसा कोई अस्तित्व नहीं है। आज वही पार्टी साधु-संन्यासी, हिंदू धर्म और भगवान के सहारे अपनी नैया पार लगाने की कोशिश कर रही है। जब कार्यक्रम को गैर राजनीतिक कहा जा रहा है तो आमंत्रण में कांग्रेस के चुनाव चिन्ह उपयोग क्यों किया जा रहा है।
रामकथा के दौरान तुलसीदास रचित रामचरित मानस (सुंदरकांड एवं बालकांड) पर आधारित एक जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन भी होगा। इस स्पर्धा के विजयी प्रतिभागियों को कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री, कमल नाथ और नकुल नाथ द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। रामकथा में कमल नाथ की बहू प्रिया नाथ मौजूद भी रहेंगी। आयोजन को गैर राजनीतिक बनाने के लिए कांग्रेस भवन के अलावा अन्य स्थानों में भी व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए 20 समितियां बनाई गई हैं।
आयोजन समिति द्वारा रामकथा के लिए 12 किसानों से 25 एकड़ भूमि दो माह के लिए किराए पर ली है। इसके लिए प्रति एकड़ 18 हजार रुपये के हिसाब से साढ़े चार लाख रुपये का भुगतान भी किसानों को कर दिया है। इन सभी किसानों को धीरेंद्र शास्त्री का दर्शन कराने का भी आश्वासन दिया गया है। ढाई लाख वर्ग फीट में 88 लाख रुपये के तीन डोम, 30 एलईडी स्क्रीन, 5000 वर्ग फीट का स्टेज और एक साथ डेढ़ लाख श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। श्रद्धालुओं को वर्षा से बचाने के लिए 10 लाख 3800 वर्ग फीट के 3 वाटर प्रूफ डोम पंडाल लगाए जा रहे हैं।