भोपाल :- मध्य प्रदेश में कमलनाथ ( Kamalnath ) सरकार के पतन के बाद पूर्व मंत्रियों द्वारा उन्हें मंत्री के रुप में आवंटित सरकारी आवास खाली न करने से खड़ा हुआ संकट और राजनीति थमने का नाम नही ले रही है। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे नेताओं को सरकारी मापदण्डों के अनुकूल आवंटित आवास खाली करने थे, लेकिन पांच माह बीतने के बाद भी कमलनाथ सरकार के इन पूर्व मंत्रियों ने आवास खाली नही किए जिसका परिणाम यह हुआ कि संपदा संचालनालय आवास खाली करने के लिए पूर्व मंत्रियों को नोटिस के बाद नोटिस जारी कर रहा है और नये आवास आवंटित न होने के कारण पूर्व मंत्री वर्तमान आवास खाली नही कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में गृहमंत्री रहे बाला बच्चन के सामने दिक्कत यह आई है कि उन्हें सरकारी आवास खाली करने के लिए राजधानी में कोई दूसरा भवन किराए पर नहीं मिल रहा। पूर्व गृहमंत्री ने भोपाल में सरकारी बंगला खाली करने के लिए चार दिन तक कोई दूसरा मकान ढूंढा, मगर मकान नहीं मिलने पर वे सरकारी बंगले से सामान समेटकर ट्रक में भरा और राजपुर बड़वानी रवाना हो गए।
इसके साथ ही पूर्व गृह मंत्री बाला बच्चन का कहना था कि राजधानी में चार दिन से किराए का मकान तलाश रहा था। मकान नहीं मिला, तो सामान भरकर गांव (पैतृक गांव) ले जा रहा हूं। दरअसल संपदा संचालनालय की टीम सोमवार को बाला बच्चन के बंगले पर पहुंची थी और मंगलवार तक हर हाल में मकान खाली करने को कहा था। बच्चन का कहना था कि नोटिस की समयसीमा के तहत बंगला खाली कर रहा हूं। वहीं, इस मामले में पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पूर्व मंत्रियों और विधायकों को चुन-चुनकर सरकारी बंगला खाली करने के नोटिस जारी कर रही है।