16.1 C
Bhopal
Friday, November 22, 2024

करैरा बना टेलीकॉम सेक्टर का सबसे बड़ा फ़र्ज़ी बाड़े का अड्डा, करैरा के 3 लोग निकले साइबर गिरोह के मास्टरमाइंड किया गिरफ्तार 

Must read

अंतर्राज्यीय सायबर गिरोह का सायबर क्राइम ब्रांच भोपाल ने किया पर्दाफाश, ये 7 लोग इस तरीके से करते थे काम
भोपाल :- अंतर्राज्यीय सायबर गिरोह का सायबर क्राइम ब्रांच भोपाल ने पर्दाफाश किया हैं। जिसमें करैरा ( Karera ) के 3 लोग साइबर गिरोह के मास्टरमाइंड निकले हैं। दरसअल दिनांक 23.11.2019 को देवेश पाण्डेय निवासी चार इमली भोपाल के माध्यम से सायबर पुलिस भोपाल को एक शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसमें उनकी पत्नी भवना पाण्डेय को अज्ञात व्यक्ति द्वारा मोबाइल के माध्यम से क्रेडिट कार्ड का कर्मचारी बताकर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढाने के नाम पर उनके खाते से 80,000/- रूपये का आहरण कर लिया गया था। जिस पर थाना क्राईम ब्रॉंच भोपाल में मामला दर्ज कर लिया गया। वही अनुसंधान के विश्लेषण के आधार पर सायबर क्राईम भोपाल की टीम ने 24.08.2020 को डबरा जिला ग्वालियर, करैरा जिला शिवपुरी से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। 
 
इन आरोपियों को किया हैं गिरफ़्तार
 
1- नरेन्द्र प्रजापति पिता श्री रामहित प्रजापति 22 डबरा, ग्वालियर, फर्जी एयरटेल मनी एकाउण्ट तैयार कराना।
2- मोहित गुप्ता पिता श्री राजेन्द्र गुप्ता उम्र 25 करैरा, शिवपुरी फर्जी आई.डी. तैयार करना।
3- मोहन गुप्ता पिता श्री राजेन्द्र गुप्ता उम्र 29 करैरा, शिवपुरी, फर्जी आई.डी. तैयार करना।
4- कृष्णपाल सिंह पिता श्री केशव सिंह उम्र 23 डबरा, ग्वालियर, फर्जी एकाउण्ट सप्लाई करना।
5- सतीष दुबे पिता श्री रामेश्वर दयाल दुबे उम्र 31 करैरा, शिवपुरी, फर्जी ओटीपी सिम बेंचना।
6- विकास जैन पिता श्री मनोज जैन उम्र 30 डबरा, ग्वालियर, लापू सिम से फर्जी एकाउण्ट तैयार करना।
7- जितेन्द्र सिंह उम्र 16 साल निवासी ग्वालियर, फर्जी एकाउण्ट सप्लाई करना।
 
इस तरह हैं गिरफ्तार आरोपियों की भूमिका-
 
नरेन्द्र प्रजापति :- इस गिरोह का मुखिया नरेन्द्र प्रजापति है, जो एयरटेल कंपनी का एफ.एस.ई. (फील्ड सेल्स एक्सीक्यूटिव) है। जो रिटेलरों की आई.डी. से फर्जी एयरटेल मनी एकाउण्ट बनाता है एवं अपने साथी जितेन्द्र सिंह, मोहन गुप्ता, मोहित गुप्ता से फर्जी पेटीएम खरीदकर कौशल सिंह बेस को बेचता है।  जो दिल्ली व अन्य राज्यों में सप्लाई करता है।
 
विकास जैन :- जो कि रिटेलर है, जिसकी एयरटेल कंपनी की लापू सिम से प्रकरण के फर्जी एकाउण्ट का एयरटेल मनी एकाउण्ट बनाया गया है, जिससे प्रकरण में धोखाधडी कर पैसे निकाले गए हैं।
 
जितेन्द्र सिंह :- यह मोहित गुप्ता, मोहन गुप्ता, सतीष दुबे से फर्जी ओटीपी सिम, फर्जी पेटीएम एकाउण्ट सिम खरीदता है एवं नरेन्द्र प्रजापति, कौशल, कृष्णपाल सिंह भदौरिया को बेचता है। जिसमे कौशल सिंह एवं कृष्णपाल सिंह भदौरिया खरीदे हुए फर्जी एकाउण्ट दिल्ली में सप्लाई करते हैं। 
 
मोहित गुप्ता, मोहन गुप्ता :- दोनों भाई हैं, जो रिटेलर एवं डिस्ट्रीब्यूटर हैं। दोनो ही मोबाइल के माध्यम से फेक आई.डी. मेकर एप्लीकेशन द्वारा स्वयं की फोटो का उपयोग कर फर्जी आधार कार्ड एवं बोटर कार्ड बनाकर उस पर फर्जी सिम तैयार करके उन सिमों पर फर्जी पेटीएम एकाउण्ट बनाकर जितेन्द्र सिंह, नरेन्द्र प्रजापति एवं कौशल सिंह को सप्लाई करते हैं। इसके अतिरिक्त अरोपीगण द्वारा पूर्व में बनाये गये पेटीएम खाते में प्रयुक्त नंबर जो पूर्व किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उपयोग कर पेटीएम खाता बनाया गया हो तथा जिसमें केवायसी अपडेट हो तथा वह सिम वर्तमान में किसी के द्वारा उपयोग नही की जा रही हो, उसे पुनः रिइष्यु करवा कर पेटीएम खाते बेच देते थे।  
 
सतीष दुबे :- जो रिटेलर है, जो एयरटेल कंपनी की लापू सिम से ग्राहको से एक ही समय में दो बार अंगूठा लगवाकर दो सिम एक्टिवेट कर एक सिम ग्राहक को दे देता था और एक सिम अपने पास रख लेता था। उक्त सिम पर अगले ग्राहक के आधार कार्ड एवं अंगूठा का उपयोग कर एयरटेल मनी अकाउण्ट एक्टीवेट करवा कर कौषल सिंह को बेच देता था। 
 
इस तरह था वारदात करने का तरीका
 
गिरफ्तार आरोपी फर्जी सिम व फर्जी एयरटेल मनी एकाउण्ट दिल्ली व अन्य राज्यों में सायबर क्राईम करने वाले लोगों तक पहॅुंचाते थे। प्रत्येक फर्जी सिम व फर्जी मनी एकाउण्ट के बदले  में 500/- की राशि प्राप्त होती थी। उक्त आरोपियों द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप (फ्राड केवाइसी, फ्राड मनी, फ्राड एयरटेल मनी) बनाए गए हैं। इन ग्रुपों के माध्यम से आरोपी अन्य राज्यों के सायबर क्राईम से जुडे अपराधियों के सम्पर्क मे रहते थे एवं जिनको फर्जी आई.डी. या केवाईसी/सिम/वालेट की आवश्यकता होती थी उन्हे ये सप्लाई करते थे। फेक आई.डी. मेकर एप्लीकेशन द्वारा स्वयं की फोटो का उपयोग कर फर्जी आधार कार्ड एवं बोटर कार्ड बनाकर उस पर फर्जी सिम तैयार करके उनका उपयोग कर सिम एक्टिवेट कर लेते है इसके लिये टेलीकॉम कंपनी के द्वारा कोई फिजीकल वेरीफिकेषन नही किया जाता है, आरोपीगण टेलीकॉम कंपनी के टेलीवेरीफिकेषन सर्विस का उपयोग कर सिम एक्टिवेट कर बेच देते है। आरोपीगणो से स्वयं की फोटो का उपयोग कर एक्टिवेटड 537 सिम जप्त हुई।
 
आरोपियों से जप्त सामग्री लगभग 800 फर्जी वोटर आईडी कार्ड, 125 फर्जी आधार कार्ड, 800 इस्तेमाली सिम, प्रिंटर 01 नग, मोबाईल फोन 12 नग, बीसी मशीन 01 नग, पेटीएम किट 08 नग मिले हैं।
 

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!