Kedarnath Helicopter Crash: केदारनाथ में श्रद्धा की उड़ान बनी मौत की सवारी, हेलीकॉप्टर क्रैश में 7 की दर्दनाक मौत

Kedarnath Helicopter Crash: उत्तराखंड की पवित्र धरा से लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए 15 जून की सुबह सबसे भयावह बन गई। केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा एक हेलिकॉप्टर धुरी खर्क के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह स्थान गौरीकुंड क्षेत्र के अंतर्गत आता है। सुबह करीब पांच बजकर सत्रह मिनट पर यह हादसा हुआ। हेलिकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे जिनमें से कोई भी नहीं बच पाया। मृतकों में एक महाराष्ट्र से आए दंपत्ति और उनका 23 महीने का बच्चा भी शामिल है। यह हादसा केवल एक तकनीकी गलती नहीं बल्कि एक पूरी जिंदगी की तबाही बनकर आया।

हेलिकॉप्टर में सवार थे सात लोग

आर्यन हेलि एविएशन कंपनी का यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ हेलीपैड से उड़ान भरकर गुप्तकाशी जा रहा था। इसमें छह यात्री और एक पायलट सवार था। मौसम की खराबी और तकनीकी दिक्कतों के कारण हेलिकॉप्टर ने जबरन लैंडिंग की कोशिश की जो विफल रही और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ऊपर के इलाकों में घास काट रही नेपाली मूल की महिलाओं ने सबसे पहले हेलिकॉप्टर को गिरते हुए देखा और प्रशासन को इसकी जानकारी दी। जिलाधिकारी नंदन सिंह रजवार और हेलिकॉप्टर नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने हादसे की पुष्टि की है।

मुख्यमंत्री धामी ने जताया गहरा दुख

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस भीषण हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि रुद्रप्रयाग ज़िले में हेलिकॉप्टर दुर्घटना की अत्यंत दुखद खबर मिली है। एसडीआरएफ स्थानीय प्रशासन और अन्य टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। उन्होंने बाबा केदार से सभी श्रद्धालुओं की कुशलता की प्रार्थना की। हालांकि हादसे में कोई भी जीवित नहीं बचा लेकिन राज्य सरकार की त्वरित कार्रवाई से स्थानीय लोगों को थोड़ा भरोसा मिला है कि हर संकट में सरकार उनके साथ है।

 बार बार हो रहे हैं हादसे तो आखिर कब रुकेगा सिलसिला

केदारनाथ धाम खुलने के बाद से यह अब तक का पाँचवां हेलिकॉप्टर हादसा है। इससे पहले भी कई बार हेलिकॉप्टर या चारधाम यात्रा के दौरान दुर्घटनाएं हुई हैं। मौसम की मार हो या तकनीकी लापरवाही हर बार मासूम जिंदगियों की कीमत चुकानी पड़ती है। बार बार की घटनाओं से साफ है कि व्यवस्थाओं में कहीं न कहीं बड़ी चूक हो रही है। क्या श्रद्धालुओं की सुरक्षा की गारंटी केवल भगवान भरोसे है या फिर अब प्रशासन को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे यह सवाल हर किसी के मन में है।

मृतकों के नामों ने झकझोर दिया देश को

इस दर्दनाक हादसे में जिन सात लोगों की जान गई उनके नाम सामने आते ही हर कोई स्तब्ध रह गया। पायलट राजवीर से लेकर स्थानीय निवासी विक्रम रावत और विनोद तक सभी अपनी जिम्मेदारियों के साथ यात्रा पर थे। महाराष्ट्र से आए राजकुमार और श्रद्धा नामक दंपत्ति अपनी मासूम बेटी राशी के साथ इस यात्रा पर आए थे लेकिन अब वे सभी केवल स्मृति बन चुके हैं। एक अन्य बच्ची त्रिश्ती सिंह भी इस हादसे की शिकार हुई। इन नामों के साथ जुड़ी कहानियों ने पूरे देश को रुला दिया है।

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