Kedarnath Helicopter Crash: केदारनाथ की पवित्र यात्रा में बड़ा हादसा हो गया। रविवार को रुद्रप्रयाग ज़िले में एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया जिसमें सात लोगों की जान चली गई। इसके बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आर्यन कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। सरकार का कहना है कि यह दुर्घटना SOP यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के उल्लंघन के कारण हुई है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने हेलिकॉप्टर संचालन के लिए एक कमांड एंड कोऑर्डिनेशन सेंटर बनाने का भी फैसला किया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
आर्यन कंपनी पर क्या हैं आरोप?
आर्यन कंपनी पर आरोप है कि खराब मौसम के बावजूद हेलिकॉप्टर उड़ान भरी गई। रिपोर्ट के अनुसार रविवार को आसमान में घने बादल और कोहरा था। ऐसे मौसम में उड़ान SOP के खिलाफ होती है। फिर भी कंपनी ने उड़ान चलाई और यही लापरवाही इस बड़े हादसे का कारण बन गई। FIR में कंपनी के मैनेजर विकास तोमर और अकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक को जिम्मेदार ठहराया गया है। कहा गया है कि दोनों को मौसम की गंभीरता का पता था लेकिन फिर भी उड़ान का फैसला लिया गया।
तय समय से पहले भरी गई उड़ान
FIR में यह भी उल्लेख है कि हेलिकॉप्टर की उड़ान का पहला स्लॉट सुबह 6 बजे से 7 बजे के बीच होता है। लेकिन हादसा 5:30 बजे ही हो गया था। इसका मतलब यह है कि SOP का पूरी तरह उल्लंघन किया गया। निर्धारित समय से पहले उड़ान भरना अपने आप में एक गंभीर लापरवाही है। यही कारण है कि कंपनी के अधिकारियों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है।
सात लोगों की दर्दनाक मौत
हेलिकॉप्टर हादसे में सात यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। हेलिकॉप्टर केदारनाथ से श्रद्धालुओं को लेकर लौट रहा था जब गोरिकुंड के जंगलों में दृश्यता कम होने के कारण वह क्रैश हो गया। हादसे के बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई जिससे सभी शव बुरी तरह जल गए। यह घटना तीर्थयात्रा पर निकले भक्तों और उनके परिवारों के लिए अत्यंत दुखद और हृदयविदारक बन गई।
अब होगा हेलिकॉप्टर संचालन का सख्त नियंत्रण
इस हादसे के बाद राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि अब हेलिकॉप्टर संचालन की निगरानी और नियंत्रण के लिए विशेष कमांड और कोऑर्डिनेशन सेंटर बनाया जाएगा। यह सेंटर मौसम की निगरानी से लेकर उड़ानों की समयबद्धता तक सब पर नजर रखेगा। साथ ही सभी कंपनियों को SOP का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा है कि इस तरह की लापरवाहियों पर अब कोई ढील नहीं दी जाएगी।