भोपाल। सनातन धर्म में जब भी कोई शुभ कार्य किया जाता है, तो सबसे पहले शुभ मुहूर्त का ध्यान रखा जाता है। चाहे घर बनवाना हो, विवाह करना हो, मुंडन कराना हो या कोई भी अन्य सामान खरीदना हो, इन सभी कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है। लेकिन एक खास समय ऐसा भी आता है, जब इन सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।
इस समय को “खरमास” कहा जाता है, जिसे धार्मिक शास्त्रों में अशुभ माना गया है। खरमास की अवधि को धार्मिक दृष्टि से शुभ नहीं माना जाता। हालांकि, इस समय में भगवान विष्णु की पूजा, भजन-कीर्तन और दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है। अब जानते हैं कि इस साल खरमास कब से शुरू हो रहा है।
कब लगता है खरमास
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे धनु संक्रांति कहा जाता है। पूरे साल में 12 संक्रांतियाँ होती हैं, जिनमें सूर्य देव हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे खरमास कहा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 2024 में खरमास 15 दिसंबर से शुरू होकर 14 जनवरी तक रहेगा।
खरमास में कौन-कौन से कार्य नहीं करना चाहिए
इस अवधि के दौरान विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य मांगलिक कार्यों पर रोक रहती है। ऐसा माना जाता है कि इस समय किए गए शुभ कार्यों का फल शुभ नहीं मिलता और व्यक्ति को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इन कार्यों को इस समय में नहीं करना चाहिए।
यदि आप अपने घर का निर्माण करने की योजना बना रहे हैं, तो खरमास के महीनों में यह कार्य करना शुभ नहीं माना जाता। यह माना जाता है कि इस अवधि में किए गए कार्यों से शुभ फल प्राप्त नहीं होते।
खरमास के दौरान किसी भी प्रकार का नया काम शुरू करना भी अशुभ माना जाता है। यदि आप नया व्यवसाय शुरू करने या कोई नया निवेश करने का सोच रहे हैं, तो यह समय आपके लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए यह समय नए प्रोजेक्ट्स, डील्स या निवेश के लिए ठीक नहीं होता है।