मोदी सरकार ने पेंशन स्कीम के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कैबिनेट बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और न्यू पेंशन स्कीम (NPS) को समाप्त कर एक नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लागू करने पर मुहर लगाई गई। इस नई स्कीम के तहत 25 साल या उससे अधिक सेवा करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। UPS स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी और इससे 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा।
इस नई घोषणा से कई सवालों में उलझ गए: UPS मौजूदा NPS से कितनी भिन्न है? कौन सी स्कीम उनके लिए फायदेमंद होगी? नई स्कीम में कोई पेच तो नहीं?
सवाल 1: यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है और यह कब से लागू होगी?
जवाब: सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) दिसंबर 2003 तक लागू थी। जनवरी 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने इसे समाप्त कर न्यू पेंशन स्कीम (NPS) लागू की, जिससे कई सवाल और प्रदर्शन हुए। मोदी सरकार ने अप्रैल 2023 में टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई, जिसने राज्यों के वित्तीय सचिवों, नेताओं और कर्मचारियों के संगठनों से चर्चा की। इस कमेटी की सिफारिशों के आधार पर 24 अगस्त 2024 को UPS को मंजूरी दी गई, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने UPS को मंजूरी दी है। अब कर्मचारियों के पास UPS या NPS में से किसी एक का विकल्प होगा, और राज्य सरकारें भी इसे अपनाने का निर्णय ले सकती हैं।
सवाल 2: यूनिफाइड पेंशन स्कीम में नया क्या है?
जवाब: UPS की 5 प्रमुख विशेषताएं हैं:
- 50% एश्योर्ड पेंशन: रिटायरमेंट से पहले के आखिरी 12 महीने की बेसिक सैलरी का 50% बतौर पेंशन मिलेगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की आखिरी साल की बेसिक सैलरी 50,000 रुपए थी, तो उसे रिटायरमेंट के बाद 25,000 रुपए पेंशन मिलेगी।
- कम सर्विस पर भी पेंशन: 25 साल से कम नौकरी करने पर पेंशन उसी अनुपात में मिलेगी, लेकिन 10 साल से अधिक और 25 साल से कम नौकरी करने वालों को कम से कम 10,000 रुपए पेंशन मिलेगी।
- फैमिली पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु के बाद परिवार को पेंशन का 60% मिलेगा, साथ ही महंगाई भत्ता भी मिलेगा।
- लम्प सम अमाउंट: हर 6 महीने की नौकरी पर सैलरी और डीए का 10% लम्प सम अमाउंट के रूप में मिलेगा।
सवाल 3: क्या UPS सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए होगी?
जवाब: UPS फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों के लिए है, जिनकी संख्या लगभग 23 लाख है। भविष्य में राज्य सरकारें चाहें तो इसे लागू कर सकती हैं। सभी राज्यों के शामिल होने पर यह योजना कुल 90 लाख कर्मचारियों के लिए हो सकती है। केंद्र के कर्मचारियों के लिए भी UPS अपनाना अनिवार्य नहीं है; वे NPS के तहत भी पेंशन ले सकते हैं।
सवाल 4: NPS में कौन-कौन सी समस्याएं थीं जिनके कारण विरोध हुआ?
जवाब: ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में सरकार कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन देती थी, जबकि न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में पेंशन शेयर मार्केट पर निर्भर होती है। कर्मचारियों की सैलरी से कटौती की जाती है और पेंशन का एक हिस्सा निवेश किया जाता है, जिससे पेंशन की राशि में उतार-चढ़ाव होता है। NPS के विरोध में तर्क था कि यह पेंशन में अस्थिरता लाता है और कर्मचारियों को अधिक जोखिम में डालता है।
सवाल 5: OPS और NPS में क्या अंतर था, जो UPS की जरूरत पड़ी?
जवाब: OPS को परिभाषित लाभ पेंशन प्रणाली (DBPS) कहा जाता है, जबकि NPS को परिभाषित योगदान पेंशन प्रणाली (DCPS) कहा जाता है। OPS में पेंशन की राशि तय होती है, जबकि NPS में पेंशन योगदान और निवेश पर निर्भर होती है। OPS में कर्मचारियों को एक स्थिर पेंशन मिलती थी, जबकि NPS में निवेश के आधार पर पेंशन की राशि बदलती रहती है।
सवाल 6: UPS में OPS और NPS की कौन-कौन सी बातें शामिल की गई हैं?
जवाब: UPS में NPS के तहत कर्मचारियों की सैलरी का 10% योगदान रहेगा और हर तीन साल में सरकार अपनी हिस्सेदारी की समीक्षा कर सकती है। मेडिकल रिम्बर्समेंट और एरियर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। OPS की तरह UPS में भी पेंशन का 50% और ग्रैच्युटी को लम्प सम अमाउंट के रूप में दिया जाएगा।
नई बातों में, सरकार ने पेंशन के लिए योगदान बढ़ाकर 18.5% किया है, परिवार को 60% पेंशन देने का प्रावधान किया है, और कम से कम 10,000 रुपए पेंशन का प्रावधान किया है।
सवाल 7: UPS से सरकार पर कितना बोझ पड़ेगा?
जवाब: एरियर के लिए 800 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं और साल 2024-25 के लिए 6,250 करोड़ रुपए पेंशन के लिए आवंटित किए गए हैं। यह खर्च भविष्य में बदल भी सकता है।
सवाल 8: OPS की मांग कर रहे लोगों का UPS पर क्या कहना है?
जवाब: नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधु का कहना है कि UPS का विकल्प देने के बजाय सरकार OPS को पुनः लागू करने पर विचार करे। उनका मानना है कि OPS ही सामाजिक सुरक्षा का सच्चा कवच है और बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए ठीक है।