खंडवा। शहरों में लगभग हर चौराहे, गली मोहल्ले में आपको भीख मांगते हुए भिखारी दिख जाते हैं। जिन भिखारियों को आप चिल्लर के रूप में एक-दो या पांच रुपये देते हैं उनके बारे में आपको ये खबर चौंका देगी। जी हां जरा सोचिए कि जिस भिखारी को आप सिक्के देते हैं और वो पहले से ही लखपति निकल आए तो आपके चेहरे पर क्या भाव आएगा। दरअसल कोतवाली थाना परिसर में वाहनों के नीचे गुजरा करने वाली महिला का नाम शीला पत्नी सुरेश जोशी है। महिला बीएसएनएल के खंडवा कार्यालय में पदस्थ थी. वो वहां से वर्ष 2005 में सेवानिवृत हुई थी। बताया जाता है कि कुछ समय बाद उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गई और विक्षिप्त की तरह रहने लगी।
अब शनिवार को अचानक उसका बेटा अरविंद जोशी बैंक के दस्तावेजों के साथ उसे लेने वहां लेने पहुंचा। अरविंद ने बताया कि मां शीला जोशी ने करीब 10 साल से अपनी पेंशन नहीं निकाली है। साथ ही विभाग से उन्हें मिले रुपये भी बैंक खाते में जमा है। जो करीब सात लाख से अधिक रुपये है। वह इन रुपयों से मां का इलाज कराना चाहता है। इसके लिए उन्हें लेने आया है। बैंक में ले जाकर वहां मां के हस्ताक्षर करवाएगा और इसके बाद वह रुपये निकालकर मां का उपचार कराएगा।
वहीं दूसरी तरफ मां ने बेटे अरविंद के साथ जाने से मना कर दिया है। विक्षिप्त महिला का कहना है कि बेटा रुपयों के लिए परेशान कर रहा है वह रोज यहां आता है और उसे कहता है कि उसके साथ बैंक चल। वह उसके रुपये लेना चाहता है। उसकी यह हालत भी बेटे की वजह से हुई है. हालांकि महिला पूरी तरह से विक्षिप्त नहीं है, लेकिन अगर उसे अच्छा इलाज मिले तो शायद वो अपनी नई जिंदगी खुशहाल तरीके से जी सकती है।