ग्वालियर। शहर के एक अधिवक्ता ने वकीलों को भी फ्रंटलाइन वारियर्स घोषित करने और वकीलों को वैक्सीनेट करने के लिए अलग से व्यवस्था किए जाने को लेकर एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है। हाईकोर्ट ने ग्वालियर में दायर इस जनहित याचिका को जबलपुर ट्रांसफर कर दिया है। क्योंकि इन दिनों कोरोना से जुड़े सभी मामले मुख्य पीठ जबलपुर में सुने जा रहे हैं। स्थानीय अधिवक्ता जितेंद्र जैन का कहना है, कि वकीलों के लिए दो वैक्सीनेशन सेंटर खोले जाने चाहिए। इनमें एक हाईकोर्ट में स्थापित किया जाए ,जबकि दूसरे को जिला न्यायालय में स्थापित किया जाए। जिस तरह से उत्तर प्रदेश में वकीलों को वैक्सीनेशन के लिए अलग व्यवस्था की गई है। उसी तरह से सुप्रीम कोर्ट में भी वकीलों को वैक्सीनेट करने के लिए प्रथक से अव्यवस्था है। छत्तीसगढ़ सरकार ने तो वकीलों को भी फ्रंटलाइन वारियर घोषित किया हुआ है।
अधिवक्ता जितेंद्र जैन का मानना है ,कि इस तरह की मांग का उद्देश्य उन वकीलों की मदद करना है ,जो नवोदित है और बड़ी अपेक्षाओं के साथ लीगल फील्ड में अपना कैरियर बनाने आए हैं। ऐसे में कई युवा वकील कोरोना के चलते अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं। उनके परिवारों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। फ्रंटलाइन वारियर्स घोषित होने के बाद वकीलों की स्थिति में कुछ सुधार आएगा। ग्वालियर में 4 हजार से ज्यादा नियमित प्रैक्टिशनर वकील है। इतनी बड़ी तादाद होने के बावजूद वकीलों को अलग से वैक्सीनेट नहीं किया जा रहा है और ना ही उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जा रहा है। अब जल्द ही जबलपुर की मुख्य पीठ में इस मामले पर सुनवाई होगी।