भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा मे नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह शनिवार को उज्जैन पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन किए। इसके बाद वे महाकाल लोक पहुंचे, जहां उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियों से यह जाना कि आखिर भगवान सप्तऋषि की प्रतिमाएं किस तरह से गिरकर खंडित हुई थी। सप्तऋषि की प्रतिमा खंडित होने से डॉ. गोविंद सिंह नाराज नजर आए। उन्होंने इस पूरे मामले में सर्वोच्च व उच्च न्यायालय के माध्यम से जांच करने की बात कही। साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग भी की। इसके बाद डॉ. गोविंद सिंह सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी, दाऊदखेड़ी और अन्य क्षेत्रों की जमीनें देखने पहुंचे। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की जिन जमीनों को लेकर सियासी घमासान मचा है, वह भी देखी। इस जमीन को मास्टर प्लान में शामिल कर आवासीय किया गया है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने महाकाल लोक का भ्रमण करने के बाद कहा कि कमलनाथ सरकार ने 300 करोड़ रुपये खर्च कर महाकाल लोक बनाने की योजना बनाई थी। भाजपा ने जोड़-तोड़कर अपनी सरकार बनाई। महाकाल क्षेत्र विकास के लिए जो 300 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे, उसे बढ़ाकर 850 करोड़ रुपये किया। इसके बाद भी इन लोगों ने भगवान के साथ धोखा किया और करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार किया। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार का पाप सबने देख लिया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि महाकाल लोक में भ्रष्टाचार का मुद्दा कांग्रेस शुरू से उठाती रही है। विधायक महेश परमार ने इसकी शिकायत की थी। लोकायुक्त मे भी जांच का आवेदन दिया था। लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।
डॉ. गोविंद सिंह सिंहस्थ क्षेत्र की उस भूमि को देखने भी पहुंचे जहां उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव कि जमीन भी है। इस जमीन को नए मास्टर प्लान में आवासीय कर दिया गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि कहा कि भाजपा ने पूरे प्रदेश में लूट मचा रखी है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भ्रष्टाचारियों के सरगना है। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार की गंगोत्री श्यामला हिल्स से बह रही है। वे भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे है। महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार को लेकर भी उन्होंने बड़ी-बड़ी बातें कही थी लेकिन अब तक न तो किसी की गिरफ्तारी हुई है न ही किसी को अब तक आरोपी बनाया गया है। यह करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार था, जिससे पूरे विश्व में मध्यप्रदेश की छवि खराब हुई है।