भोपाल। नवरात्रि और दशहरे के दौरान तेज डीजे बजाने के खिलाफ पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले 91 डीजे संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई के तहत बीएनएस की धारा 223 और कोलाहल अधिनियम की धारा 7/15 के तहत मामला दर्ज किया गया है। नवरात्रि और दशहरे जैसे धार्मिक त्योहारों के दौरान विशेषकर तेज शोर के कारण बीमार, वृद्ध और आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस प्रशासन ने इन समस्याओं को गंभीरता से लिया और कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की। कमिश्नर ने सभी डीजे संचालकों को पहले ही निर्देश दिया था कि वे निर्धारित समय और डेसीबल सीमा का पालन करें।
पुलिस ने इस संदर्भ में एक बैठक आयोजित की, जिसमें सभी डीजे संचालकों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों से अवगत कराया गया। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि सभी संचालक नियमों का पालन करें और निर्धारित समय के अनुसार ही डीजे का संचालन करें। त्योहारों के दौरान, पुलिस ने डीजे संचालकों की लगातार निगरानी की। बार-बार समझाइश देने के बावजूद, 91 डीजे संचालक नियमों का उल्लंघन करते रहे। इसके चलते पुलिस ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की। सभी डीजे संचालकों को जप्त किया गया है और उन्हें न्यायालय के सामने पेश किया जाएगा।
इस कार्रवाई का उद्देश्य न केवल कानूनी दंड देना है, बल्कि भोपाल में शांति और सुरक्षा व्यवस्था को भी बनाए रखना है। पुलिस के अनुसार, तेज शोर के कारण जनता में काफी असंतोष था और पुलिस को शांति व्यवस्था बनाए रखने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी। यदि कोई डीजे संचालक नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।