इंदौर: इंदौर में 2018 में हुई किन्नर मंजू की हत्या के मामले में 6 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है। आरोपी सलमान को उम्र कैद की सजा दी गई है। यह मामला तब चर्चा में आया था जब मंजू की चाकू से गोदकर हत्या की गई थी। मंजू, जिनका असली नाम रेहान था, ने लिंग परिवर्तन कराया था और अपने बॉयफ्रेंड के साथ लिव-इन रिलेशन में रह रही थी।
हत्या का घटनाक्रम
7 मई 2018 को खजराना की हाजी कॉलोनी में मंजू की हत्या की गई थी। पोस्टमॉर्टम में सामने आया कि मंजू के शरीर पर 22 घाव थे, जिनमें से 14 गले में और 5 पेट पर थे। घटना के समय सलमान और मंजू के बीच झगड़ा हुआ था, जिसके बाद सलमान ने मंजू पर ताबड़तोड़ वार किए। वारदात के बाद सलमान मौके से फरार हो गया था।
पुलिस की कार्रवाई
हत्या के बाद, सलमान ने अपने फोन को बंद कर दिया ताकि उसकी लोकेशन ट्रेस न हो सके। पुलिस ने उसे कई जगह खोजने की कोशिश की, और अंततः महू में वकील बनकर उसे गिरफ्तार किया। इस मामले में चार चश्मदीद गवाह थे, जिन्होंने कोर्ट में गवाही दी कि उन्होंने हत्या के समय सलमान को मंजू पर हमला करते देखा था।
कोर्ट का फैसला
कोर्ट में आरोपी की ओर से बचाव में कहा गया कि मंजू का किन्नरों से विवाद हुआ था, लेकिन यह तर्क खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने सलमान को हिंसक प्रवृत्ति वाला करार देते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। इस मामले में मृतक की हत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी, लेकिन कोर्ट ने आरोपी के प्रति सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को समझा।
इस मामले ने समाज में किन्नरों की स्थिति और उनके अधिकारों को लेकर एक बार फिर से बहस को जन्म दिया है। किन्नरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और भेदभाव की घटनाओं पर ध्यान आकर्षित करने की आवश्यकता है।
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