मजदूरों से भरा लोडिंग ऑटो पलटा, 4 मजदूरों की मौत; 15 घायल

शिवपुरी। जिले के कोलारस थाना क्षेत्र के हीरापुर बोलाज पर अनियंत्रित होकर मजदूरों से भरा पिकअप बाहन पलट गया। पिकअप में सवार होकर मजदूर गोरा के आगे अपने कैंप पर जा रहे थे, तभी हीरापुर मोड़ पर वाहन अनियंत्रित होकर रोड से नीचे उतरते हुए खाई में जा गिरा। जिसमें 4 लोगो की मौके पर ही मौत हो गई और करीब एक दर्जन से अधिक गंभीर रूप से घायलों को जिला चिकित्सालय भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि यह लेवर रोड का कार्य करने के लिए पश्चिम बंगाल से आई थी।

शिवपुरी। शिवपुरी के कोलारस थाना क्षेत्र में हीरापुर के पास पिकअप वाहन के अनियंत्रित होने से एक बड़ा हादसा सामने आया है। जिसमें सवार 4 मजदूरों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई है और करीब एक दर्जन से ज्यादा घायल हो गए हैं। जिसके बाद एक बार फिर से परिवहन विभाग और इलाके की पुलिस पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं कि इतनी सवारियों से भरा मौत का पिकअप वाहन आखिरकार सड़क पर कैसे दौड़ रहा था। हादसे के बाद प्रशासन पुलिस टीमें में भी मौके पर पहुंची, लेकिन हादसे की गहराई में जाने की वजाए हर बार की तरह जांच करने की बात कहकर सभी ने अपना पल्ला झाड़ लिया।

यहां देर रात हुआ भीषण हादसा

शिवपुरी जिले के कोलारस के गोरा टीला इलाके में यह भीषण सड़क हादसा रात 12 बजे के आस पास हुआ है। इस हादसे ने पश्चिम बंगाल के 4 मजदूरों की जान ले ली। जबकि 15 घायल हो गए। यह हादसा तब हुआ जब उक्त सभी एक लोडिंग ऑटो में सवार होकर कोलारस की तरफ आ रहे थे। जैसे ही अनियंत्रित होकर लोडिंग ऑटो पलटा मौके पर ही 4 मजदूरों की मौत हो गई। जबकि 15 घायल हुए। सभी घायलों को जिला चिकित्सालय लाया गया। सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं, जो कोलारस के गोराटीला में चल रहे पुल निर्माण में मजदूरी करने आ रहे थे और गाँव-गाँव पेयजल परियोजना के काम मे यह जुटने वाले थे।

भेड़ बकरियों की तरह भरी थी सवारिया

जानकारी के मुताबिक हादसे का शिकार हुए वाहन में करीब 20 से ज्यादा लोग सवार थे। इस तरह से भेड़ बकरियों की तरह ठसाठस सवारियों से भरे वाहनों के पलटने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई ऐसे मामले पूरे अंचल भर से सामने आते रहे हैं, जिसमें इसी तरह से लोगों की दर्दनाक मौत हुई है। लेकिन हर बार परिवहन विभाग और क्षेत्र की यातायात व्यवस्था सुधारने का दावा करने वाली पुलिस जांच की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लेती है, लेकिन बावजूद इसके फिर दूसरे दिन से यह भीषण हादसा ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है और दोबारा से मौत की यह वाहन सड़कों पर दौड़ने लगते हैं।

भीषण हादसे का आखिर का जिम्मेदार कौन

हर बार एक भीषण हादसा सामने आता है, ऐसे में जरूरत है कि क्षमता से ज्यादा सवारियों को बैठाने वाले वाहनों पर समय-समय पर कार्रवाई की जाए। लेकिन शायद यह बहुत मुश्किल काम नजर आता है क्योंकि हर रोज ऐसे सवारियों से भरे वाहन सभी के आंखों के सामने गुजरते हैं। लेकिन प्रशासन, परिवहन या पुलिस इन पर कोई कार्रवाई नहीं करता है, इससे साफ जाहिर होता है कि निचले स्तर के कर्मचारियों पर इन्हें रोकने की जिम्मेदारी है। शायद वही इन वाहन चालकों से सांठगांठ कर चुके हैं, इसलिए इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाना शायद एक सपना बनकर रह गया है। जिसके कारण ऐसे हादसों दिन-ब-दिन सामने आते रहते हैं।

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