भोपाल। मध्य प्रदेश लोकायुक्त पुलिस ने वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की एक्सपर्ट कमेटी की एनओसी जारी करने के बदले डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते मैनिट के प्रोफेसर आलोक मित्तल और एक कंसलटेंट गोपी कृष्ण को रंगेहाथ पकड़ा है। लोकायुक्त ने लिखा-पढ़ी की कार्रवाई की।
लोकायुक्त पुलिस के अनुसार प्रमिला रिछारिया ने शिकायत दी थी। प्रमिला बावड़िया कला में निवास करती है। 12 जनवरी को शिकायत में उन्होंने बताया कि शिवपुरी में उनका मेडिकल वेस्ट का प्लांट निर्माण प्रस्तावित है। प्लाट निर्माण के लिए एनओसी जरूरी होती है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में स्टेट एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी में रसायन विषय के विशेषज्ञ डॉक्टर आलोक मित्तल हैं और वे मैनिट में प्रोफेसर है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि मित्तल ने कंसलटेंट गोपी कृष्ण मिश्रा के माध्यम से 7 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। इस संबंध में शिकायतकर्ता आरोपी आलोक मित्तल से मिली और बात की। इसके बाद मित्तल ने डेढ़ लाख रुपये की मांग की। इस शिकायत के सत्यापन के बाद लोकायुक्त पुलिस ने रविवार को आरोपी कंसलटेंट गोपी कृष्ण मिश्र और मैनिट प्रोफेसर आलोक मित्तल को रिश्वत के डेढ़ लाख् रुपये लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। इस मामले की कार्रवाई की गई।