ग्वालियर। ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने एक पटवारी को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते उसके घर से गिरफ्तार किया है। पटवारी अरविन्द गोयल ने फरियादी से जमीन का नामांतरण करने के बदले रिश्वत की मांग की थी। रिश्वत नहीं देने पर फरियादी की रजिस्ट्री कैंसिल कराने की लगातार धमकी दे रहा था। परेशान होकर फरियादी ने लिखित आवेदन देकर लोकायुक्त से शिकायत की थी, जिसका सत्यापन कराने के बाद लोकायुक्त ने गुरुवार को कार्रवाई की। लोकायुक्त पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मुरैना जिले की बानमोर तहसील के ग्राम नूराबाद में रहने वाले सत्येंद्र सिंह गुर्जर ने लोकायुक्त एसपी ग्वालियर कार्यालय में शिकायत की थी कि उसने महाराजपुरा जिला ग्वालियर में एक प्लाट ख़रीदा है, जिसका नामांतरण करने के बदले पटवारी अरविन्द गोयल 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। फरयादी को लोकायुक्त पुलिस ने एक टेप रिकॉर्डर देकर रिश्वत मांगे जाने की शिकायत का सत्यापन कराया। पुष्टि होते ही फरियादी की रिश्वत की राशि 10 हजार रुपए लेकर पटवारी अरविन्द गोयल के पास भेजा। फरियादी सत्येंद्र सिंह गुर्जर के निवास इंद्रमणि नगर पहुंचा और उसने जैसे ही आरोपी के आवास में बने निजी ऑफ़िस में रिश्वत की राशि दी लोकायुक्त ग्वालियर की टीम ने पटवारी को गिरफ्तार कर लिया।
फरियादी सत्येंद्र सिंह गुर्जर का कहना है कि उसका एक प्लॉट राधापुरम एमआईटी कॉलेज के पास था जिसका नामांतरण कराने के लिए 27 अगस्त 2022 को पटवारी अरविंद गोयल को आवेदन दिया था। पटवारी ने कहा था कि 10 से 15 दिन में उसका नामांकन हो जाएगा। इसके बाद में पटवारी से फिर मिला तो पटवारी अरविंद गोयल ने कहा कि 15 तारीख को आ जाना तुम्हारा नामांतरण हो गया है, पैसे दे जाना। फरियादी ने कहा कि ज्यादा पैसे हो रहे हैं तो पटवारी बोला कि पैसे नहीं दिए तो तुम्हारी रजिस्ट्री कैंसिल कर दूंगा। जिस पर मैंने लोकायुक्त को इसकी शिकायत की थी।
वही लोकायुक्त सब इंस्पेक्टर बृजमोहन सिंह नरवरिया ने बताया कि फरियादी सत्येंद्र सिंह ने कार्यालय आकर लिखित आवेदन देकर शिकायत कर बताया था कि पटवारी अरविंद गोयल द्वारा नामांतरण करने के नाम पर 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है, जिसका सत्यापन कराया गया था, जो सही पाया गया।