उज्जैन। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त ने शुक्रवार को 107 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया, जिसमें नौ अधिकारी भी शामिल हैं। इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने बांध निर्माण के लिए विस्थापित हुए लोगों को दिए जाने वाले विशेष पुनर्वास भत्ते में अनियमितताएं कीं। इस धोखाधड़ी के कारण नाबालिगों के नाम पर पांच-पांच लाख रुपये जारी किए गए, जिससे सरकार को लगभग 5.85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि आगर-मालवा जिले के नलखेड़ा क्षेत्र स्थित ग्राम भंडावद में कालीसिंध नदी पर करोड़ों रुपये की लागत से कुंडालिया बांध बनाया गया था। इस बांध के निर्माण के लिए गांव के लोगों का विस्थापन किया जाना था, जिसमें 18 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों और अविवाहित महिलाओं को पांच लाख रुपये का विशेष पुनर्वास भत्ता दिया जाना था।
लेकिन ग्राम भंडावद के कुछ हितग्राहियों ने अपने नाबालिग बच्चों के दस्तावेजों में छेड़छाड़ करके उन्हें बालिग दिखाया। इसके बाद, बिचौलियों और अधिकारियों ने मिलकर नियमों का उल्लंघन करते हुए गड़बड़ी की और बड़ी रकम हड़प ली। इससे राज्य को 5.85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। लोकायुक्त ने जांच के बाद नौ अधिकारियों, बिचौलियों और हितग्राहियों सहित 107 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
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