सतना। लोकायुक्त संगठन रीवा की टीम ने सतना में दबिश देकर जिला शिक्षा केंद्र के एपीसी को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया है। लोकायुक्त के छापे से न केवल डीपीसी कार्यालय बल्कि पूरे शिक्षा महकमे में हड़कंप मच गया है। रिश्वत लेते पकड़े गए एपीसी वित्त के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
लोकायुक्त रीवा की टीम ने सतना शहर के सिविल लाइन स्थित जिला शिक्षा केंद्र में दबिश देकर एपीसी वित्त मनीष प्रजापति को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एपीसी ने रिश्वत की यह रकम बालक छात्रावास जवाहरनगर के वार्डन उमेश त्रिवेदी से ली थी। उमेश ने लोकायुक्त एसपी से एपीसी द्वारा रिश्वत की मांग किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत की तस्दीक के बाद बुधवार को डीएसपी राजेश पाठक के नेतृत्व में 15 सदस्यीय टीम सतना भेजी गई थी, जिसने एपीसी को पकड़ लिया।
शिकायतकर्ता ने बताया कि बालक छात्रावास जवाहरनगर के रेनोवेशन के लिए 8 लाख 80 हजार रुपए स्वीकृत हुए थे, जिसमें एक किश्त दे दी गई थी और काम भी करा लिया गया था। दूसरी किश्त की रकम बाकी थी जिसके लिए वह मार्च से लगातार डीपीसी-एपीसी से लिखित-मौखिक आग्रह कर रहे थे। एपीसी वित्त मनीष प्रजापति ने इसके लिए 25 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। उनसे आग्रह भी किया गया था कि यह रिश्वत दे पाना संभव नहीं है, लेकिन एपीसी कुछ मानने को तैयार नहीं थे, लिहाजा एसपी लोकायुक्त से शिकायत करने के बाद एपीसी को 5 हजार रुपए एडवांस दे दिया गया।
एपीसी की ड्यूटी चुनाव कार्य में लगी है, लिहाजा मंगलवार को उसने वार्डन को कलेक्ट्रेट बुलाया जहां गेट के पास चाय की दुकान में खड़े हो कर रुपए और मांगे। रकम की मांग उसने अपनी हथेली पर राशि लिखकर की। बुधवार को जैसे ही वार्डन ने रकम दी, लोकायुक्त की टीम ने एपीसी को पकड़ लिया।