उज्जैन। आगामी पांच-छह मई की मध्य रात्रि में उपच्छाया या प्रतिच्छाया(उपछाया) चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना घटेगी। भारतीय समय अनुसार उपच्छाया चंद्र ग्रहण का प्रारंभ पांच मई की रात 8.42 बजे से होगा। मध्य की स्थिति रात 10.53 बजे पर होगी। इस समय चंद्रमा का 98 प्रतिशत भाग पृथ्वी के उपच्छाया वाले भाग पर होगा। मोक्ष की स्थिति छह मई को मध्य रात्रि एक बजकर तीन मिनट पर होगी।
जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डा. राजेंद्र प्रकाश गुप्ता ने बताया कि उपच्छाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा का कोई भी भाग पृथ्वी की वास्तविक छाया से नहीं ढंकता है, बल्कि चंद्रमा पृथ्वी के उपच्छाया वाले भाग से गुजरने के कारण चंद्रमा का प्रकाश धीरे-धीरे मद्धिम होने लगता है तथा मोक्ष उपरांत पुनः पूर्ण आभा के साथ चंद्रमा चमकता हुआ दिखाई देता है।
इसी कारण उपच्छाया या प्रतिच्छाया चंद्र ग्रहण को सामान्यतः ग्रहण के रूप में मान्यता भी नहीं दी गई है। गुप्ता ने बताया कि उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण वेधशाला में चंद्र ग्रहण दिखाने की व्यवस्था नहीं की है। मौसम खुला होने पर आप अपने घर से ही रात्रि 8.42 बजे के बाद चंद्रमा के प्रकाश को रात 10.53 बजे तक धीरे-धीरे कम होता देख सकते हैं। इस समय के बाद चंद्रमा का प्रकाश बढ़ना प्रारंभ हो जाएगा।