28.8 C
Bhopal
Friday, September 20, 2024

मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत,नई बिजली की दरें लागू

Must read

भोपाल। मध्य प्रदेश की मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कृषि उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। कंपनी ने भोपाल सहित, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग के 16 जिलों के कृषि उपभोक्ताओं के अस्थायी सिंचाई पंप कनेक्शन के लिए नई बिजली दरें लागू की हैं। यह दरें सिंगल फेज और 3-फेज पर लागू की गई हैं। अब गांव के उपभोक्ताओं को तीन महीने के लिए सिंगल फेज 1-एचपी अस्थायी कृषि पंप कनेक्शन के लिए सब्सिडी सहित कुल 1843 रुपये ही देने होंगे। जबकि, इससे पहले फिक्स चार्ज, इनर्जी चार्ज सहित किसान 4222 रुपये देते थे। इसी तरह 3-फेज अस्थायी 3-एचपी कृषि पंप कनेक्शन के लिए लोगों को तीन महीने के लिए फिक्स चार्ज, इनर्जी चार्ज सहित कुल 4879 रुपये देने होंगे। कंपनी की अस्थायी कृषि पंप कनेक्शन की ये नई दरें 1 नवंबर से लागू होंगी।

 

 

कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि अगर किसान साल 2021-22 में अस्थायी कृषि पंप कनेक्शन लेना चाहते हैं तो उन्हें नए टैरिफ आदेश के मुताबिक कम से कम तीन महीने का अग्रिम भुगतान देना जरूरी है। बता दें, विद्युत सप्लाई कोड 2013 में कुछ प्रावधान किए गए थे। उनके मुताबिक, जिन उपभोक्तों के पंप कनेक्शन पर उचित रेटिंग वाला कैपेसिटर लगा हुआ है, उनके कैपेसिटर सरचार्ज का भुगतान कंपनी नहीं लेगी। मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने टैरिफ के मुताबिक अस्थायी कृषि पंप की दरें निर्धारित की हैं। जबलपुर स्थित एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी त्रैमासिक आधार पर ईंधन प्रभार की गणना करेगी।

 

 

बताया जाता है कि, कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी देश की कुल बिजली बिक्री में करीब 22 फीसदी है। वर्तमान में देश के 5 राज्यों में किसानों को फ्री बिजली मिल रही है। इनमें पंजाब, तमिलाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं। इस फ्री बिजली को लेकर केंद्र सरकार अब नया नियम ला सकती है। सरकार बिजली संशोधन अधिनियम पेश कर फ्री बिजली पर रोक लगा सकती है। उसके बाद राज्य सरकारें किसानों से बिजली बिल लेने पर मजबूर हो जाएंगी। खेती के लिए असीमित बिजली का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। अधिनियम के मुताबिक, इसके किसानों को बिजली बिल का भुगतान करना होगा, बाद में राज्य सरकारें चाहेंगी तो किसानों को सब्सिडी देंगी। इससे अब किसानों को ये डर है कि खेती के लिए मिलने वाली ये सब्सिडी धीरे-धीरे खत्म न हो जाए।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!