Friday, April 18, 2025

मध्य प्रदेश हनीट्रैप केस: रिटायरमेंट से पहले SIT चीफ के लिफाफे में बंद 40 ‘शौकीनों’ की कुंडली

भोपाल :- मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले की जांच कर रहे वर्तमान एसआईटी चीफ राजेंद्र कुमार 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। मामले में चार दिन पहले ही उन्होंने हाईकोर्ट को कई नामों की लिस्ट सौंपी है।  जिसमें आरोपियों के करीबी अफसरों के अलावा पूर्व मंत्री सहित कई रसूखदारों के नाम शामिल हैं।

ये हो सकते हैं SIT के अगले चीफ

राजेंद्र कुमार के बाद एसआईटी का अगला चीफ कौन होगा, इसको लेकर अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि एसआईटी की स्पेशल डीजी अरुणा मोहन राव और टीम के सदस्य एडीजी मिलिंद कानसकर में से किसी एक को अगला चीफ बनाया जा सकता है। फिलहाल इस पर अंतिम फैसला हाईकोर्ट के आदेश पर ही लिया जाएगा।

जानें क्या है पूरा मामला

प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय ने सबसे पहले एसआईटी चीफ आईजी डी. श्रीनिवास वर्मा को बनाया था। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की नाराजगी के बाद 24 घंटे में ही वर्मा को हटाकर एसआईटी चीफ की कमान एडीजी संजीव शमी को सौंपी गई थी। जब शमी ने इस मामले की तह तक जाने की कोशिश की तो तत्कालीन बड़े अफसरों ने संजीव शमी को हटाकर तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन करवा दिया था, जिसके बाद एसआईटी चीफ की कमान स्पेशल डीजी सायबर राजेंद्र कुमार को सौंपी गई थी।

हाईकोर्ट ने जताई थी नाराजगी

हनी ट्रैप मामले में लगातार एसआईटी चीफ बदले जाने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए थे कि अब सरकार कोर्ट की अनुमति के बिना एसआईटी में बदलाव नहीं कर सकेगी। इसलिए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि हाईकोर्ट जांच खत्म होने तक एसआईटी चीफ राजेन्द्र कुमार का कार्यकाल बढ़ा सकता है।

ऐसे हुआ था हनीट्रैप मामले का खुलासा

इस बहुचर्चित हनीट्रैप मामले का खुलासा इंदौर नगर निगम के तत्कालीन सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह द्वारा थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद हुआ था। पुलिस ने मामला दर्ज कर भोपाल में रह रही श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन और बरखा सोनी समेत पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया था। जिसमें कई बड़े लोगों के नाम शामिल थे,  उसके बाद से ही इस केस की जांच चल रही है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!