मध्य प्रदेश के 141 इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित ऑनलाइन काउंसलिंग के पहले चरण का समापन हो चुका है, जिसमें 58 ब्रांचों की लगभग 32,000 सीटों पर केवल 8,000 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है। इसका मतलब है कि कुल सीटों में से 75% सीटें खाली रह गई हैं। इस स्थिति से स्पष्ट है कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश की स्थिति काफी चिंताजनक है, क्योंकि सिर्फ 25% सीटों पर ही एडमिशन हो पाया है।
खासकर, 10 ब्रांच ऐसी हैं, जिनमें एक भी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया। इनमें सीएस इंटरनेट ऑफ थिंग्स, माइनिंग एंड मिनरल्स प्रोसेसिंग, सिविल विद कंप्यूटर एप्लीकेशन, साइबर सिक्योरिटी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, बायो टेक्नोलॉजी, और एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस शामिल हैं।
कई छात्र-छात्राओं ने काउंसलिंग के दौरान अपग्रेडेशन के बाद भी अपनी सीट छोड़ दी, क्योंकि उन्हें आवंटित ब्रांच या कॉलेज पसंद नहीं आए। अब दूसरे चरण की काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि कुछ और सीटों पर प्रवेश हो सकेगा।