नई दिल्ली। चीन समेत कई देशों में कोरोना की एक और लहर का खतरा बढ़ गया है। इस बीच, भारत में बीचे 24 घंटों में कोरोना के 1,761 नए केस सामने आए हैं। इस दौरान 127 मरीजों की मौत हुई है। अभी देश में कोरोना के 26,240 एक्टिव केस हैं। वहीं महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कोरोना की चौथी लहर की आशंखा का संकेत दिया, जिससे नई चिंता पैदा हो गई। महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. प्रदीप व्यास के मुताबिक, अभी स्थिति ठीक लग रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि हालात बहुत तेजी से बदल सकते हैं। महाराष्ट्र में लगभग सभी प्रतिबंधों में ढील दी गई है। इस बीच इजरायल में कोरोना का नया वैरिएंट मिला है और चीन-कोरिया जैसे देशों में फिर रिकॉर्ड केस सामने आए हैं।
हालांकि इससे पहले जाने-माने वायरोलाजिस्ट और वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कालेज (सीएमसी) के पूर्व प्रोफेसर डा. टी जैकब जान ने शनिवार को कहा कि कोरोना महामारी की चौथी लहर के आने की संभावना बहुत कम है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है। एएनआइ के साथ खास बातचीत में डा. जान ने कहा कि फिलहाल न तो वैज्ञानिक और न ही महामारी विज्ञान से जुड़े कोई कारण नजर आ रहे हैं, जिससे यह कहा जा सके कि कोरोना महामारी की चौथी लहर आएगी। परंतु, कोई भी यह भविष्यवाणी नहीं कर सकता है कि यह आएगी ही नहीं।
उन्होंने कहा कि भले ही चौथी लहर की संभावना बहुत कम है, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है। वायरस और उसमें होने वाले बदलाव पर नजर बनाए रखना आवश्यक है। नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराते रहना भी जरूरी है, ताकि किसी नए वैरिएंट के उभरने की समय रहते जानकारी मिल सके। यह भी देखते रहना होगा कि स्थानीय स्तर पर ओमिक्रोन के मामले तो नहीं बढ़ रहे हैं।
मामलों को देखते हुए केंद्र ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से सतर्क रहने और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और सांस के गंभीर संक्रमण पर निगरानी रखने को कहा है। सरकार ने कहा है कि इन बीमारियों से ग्रसित मरीजों की कोरोना जांच की जाए और संक्रमित पाए जाने पर उनके नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग भी कराई जाए।