भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें धान मिलिंग प्रोत्साहन, विद्युत वितरण कंपनियों के लिए RDSS योजना, और प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के संचालन को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, 26 दिसंबर को पचमढ़ी में चिंतन शिविर आयोजित करने की घोषणा की गई।
धान मिलिंग प्रोत्साहन और अपग्रेडेशन राशि
खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के तहत धान की मिलिंग को बढ़ावा देने के लिए
-मिलिंग राशि ₹10 प्रति क्विंटल।
-प्रोत्साहन राशि ₹50 प्रति क्विंटल।
– अपग्रेडेशन राशि
-20% धान FCI को सौंपने पर ₹40 प्रति क्विंटल।
-40% धान FCI को सौंपने पर ₹120 प्रति क्विंटल।
यह कदम किसानों से खरीदी गई धान की तेजी से मिलिंग और चावल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS)
– विद्युत वितरण कंपनियों को ₹6,000 करोड़ की राशि ऋण के बजाय अंशपूंजी/अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी।
– स्मार्ट मीटर और वितरण प्रणाली के आधुनिकीकरण के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर अनुदान प्रदान करेंगे।
– केंद्र सरकार विद्युत वितरण कंपनियों को प्री-पेड स्मार्ट मीटर और सिस्टम मीटरिंग के लिए 15% और अधोसंरचनात्मक विकास के लिए 60% अनुदान प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा)
– योजना के तहत प्रदेश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
– चार मुख्य घटकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
– बहुसंकाय शिक्षा और शोध विश्वविद्यालय।
– विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण के लिए अनुदान।
– लैंगिक समावेशिता और समानता को बढ़ावा।
जनकल्याण अभियान और पर्व
– सरकार के गठन के एक वर्ष पूर्ण होने पर 11 दिसंबर 2024 से 26 जनवरी 2025 तक जनकल्याण अभियान चलाया जाएगा।
– 11 से 26 दिसंबर तक जनकल्याण पर्व मनाया जाएगा। मंत्रीगण और जनप्रतिनिधि विभिन्न गतिविधियों में भाग लेंगे।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट
– मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 24 फरवरी 2025 को भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
– अन्य परियोजनाओं और भूमि पूजन के कार्यक्रमों के लिए भी पीएम मोदी को आमंत्रित किया गया है।