भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर बदले-बदले नजर आ रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ से शिवराज ने बीते साल मार्च में चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. अपनी इस पारी में शिवराज सख्त प्रशासक के साथ हिंदूवादी छवि गढ़ रहे हैं. इसकी तस्दीक हाल ही में लिए गए उनके फैसले और बयान कर रहे हैं. चाहे लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश लाने का फैसला हो या फिर विरोधियों के साथ माफियाओं को कड़ा संदेश देने का उनका नया अंदाज|
शिवराज सिंह खुद कह रहे हैं, “आजकल अपन खतरनाक मूड में हैं… गड़बड़ करने वाले को छोड़ेंगे.. वोड़ेंगे नहीं…फारम (फॉर्म) में है मामा.. और जे एक तरफ माफिया के खिलाफ अभियान चल रहा है.. मसल पावर का, माफिया सुन लो रे मध्य प्रदेश छोड़ जाना, नहीं जमीन में गाड़ दूंगा 10 फीट. पता नहीं चलेगा कहीं भी किसी को. सुशासन का मतलब जनता परेशान न हो.. दादा, गुंडे, बदमाश, फन्ने खां ये कोई नहीं चलने वाले.” ये सारे बयान उन्हीं शिवराज चौहान ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने चौथे कार्यकाल में दिए हैं, जो अपने पिछले तीन कार्यकाल के दौरान जालीदार गोल टोपी पहनने से लेकर इफ्तार पार्टियां आयोजित करवाने, नरम छवि और बेहद भावुक अंदाज में भाषण देने के लिए जाने जाते थे|
शिवराज चौहान के सिर्फ बोल वचन ही नहीं बदले हैं, उनकी छवि भी बदलाव के रास्ते पर है. उनकी अब एक हिंदूवादी नेता की इमेज बनने लगी है. यूपी की योगी सरकार के बाद लव जिहाद के खिलाफ शिवराज चौहान ने मध्य प्रदेश में अध्यदेश लागू किया. इसके अलावा हाल के दिनों में राम मंदिर को लेकर निकले जुलूस पर कई जगह पथराव हुए. उज्जैन, इंदौर और मंदसौर में विवाद हुआ. इस पर शिवराज ने पत्थरबाजों से सरकारी संपत्ति को पहुंचे नुकसान की वसूली करने के लिए कानून बनाने का एलान कर दिया. उन्होंने कहा कि पत्थर फेंकने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी|
शिवराज सिंह चौहान इन दिनों एंग्री सीएम की भूमिका में आ गए हैं. कभी मंत्रियों को डांट फटकार तो कभी अफसरों की क्लास, ये उनकी नई पहचान बन गई है. बेहद सौम्य, सहज और मिलनसार स्वभाव वाले शिवराज इस बार एक्शन वाले रोल में हैं. खासकर, जमीन में 10 फीट तक गाड़ देने वाली भाषा शिवराज की कभी नहीं रही है. इसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. सियासी गलियारों में तो ये भी चर्चा है कि इस सबके पीछे या तो केंद्र से कुछ इशारा है या उन्हें हाईकमान ने सख्त फैस लेने के लिए फ्री हैंड दे दिया है. इसीलिए तो सब कह रहे हैं कि ‘सरकार बदले बदले से नजर आते हैं|
कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद उपचुनावों में 19 सीटें जीतने और स्पष्ट बहुमत हासिल करने के कुछ ही दिनों के भीतर, ऐसा लगता है कि चौहान ने कुछ विवादास्पद मुद्दों पर कट्टर हिंदुत्व को अपना लिया है. लव जिहाद के खिलाफ कानून से लेकर पत्थरबाजी करने वालों के खिलाफ कानून बनाने की बात इसकी तस्दीक कर रही है. हाल के फैसलों और बयानों के बाद कुछ जानकार तो योगी और शिवराज की तुलना भी करने लगे हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि हिंदुत्व की है, लेकिन ये सच है कि मामा अबकी बार अलग अंदाज में हैं, आखिर क्यों ? जितने मुंह उतनी ही बातें|
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शिवराज सिंह चौहान ने अपने एक बयान में कहा था, “सरकार सभी की है. सभी धर्मों और जातियों की. कोई भेदभाव नहीं है, लेकिन अगर कोई हमारी बेटियों के साथ कुछ गलत करने की कोशिश करता है, तो मैं उन्हें तोड़ दूंगा. अगर कोई धर्म परिवर्तन करता है या ‘लव जिहाद’ जैसा कुछ करता है, तो आप नष्ट हो जाएंगे|
शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कहा था, “‘महाकाल का तीसरा नेत्र खुल गया है. ड्रग माफिया, भू-माफिया, जमीनों पर कब्जा करने वाले, दादागीरी करने वाले, बेटी-बहनों को छेड़ने वाले, चिटफंड कंपनी के नाम पर धोखा देने वाले सावधान हो जाएं, उन्हें तबाह और बर्बाद करके छोड़ेंगे. अपराधी सावधान हो जाएं. कोई नहीं बचेगा. माटी में मिला दूंगा|
शिवराज सिंह चौहान ने हाल के दिनों में सरकारी अफसरों के प्रति सख्ती दिखाई है. सरकारी अफसरों और सरकारी प्रोजेक्ट से जुड़ी कंपनियों में गड़बड़ी रोकने के लिए उन्होंने सभी को चेताया है. हाल में दिए गए अपने बयान में शिवराज ने कहा था, “ग्लोबल स्किल पार्क मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट, गड़बड़ी की तो टांग दूंगा शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के माफिया को लगातार चेतावनी दे रहे हैं |
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