मनावर की तबस्सुम ने ऑस्ट्रेलिया के दूल्हे से रचाई शादी

धार। धार जिले में दो प्यार करने वाले लोगों ने मीलों के फासलों को कम कर एक दूसरे के साथ रहने की कसमें खाईं। मनावर में हुई यह शादी खूब सुर्खियां बटोर रही है। प्यार की इस दास्तां को सुनकर आपका दिल भी खुश हो जाएगा। मध्यप्रदेश के मनावर की रहने वाली तबस्सुम हुसैन ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया के ऐश हॉन्सचाईल्ड से निकाह किया। लोगों की बरात जहां कुछ किमी का फासला तय कर आती है तो वहीं तबस्सुम की बरात पूरे 10 हजार किमी का सफर तय ऑस्ट्रेलिया से भारत पहुंची थी। बरात के दौरान जब ऐश हांन्सचाइल्ड घोड़ी पर सवार होकर निकले तो लोग उन्हें देखकर हैरान रह गए। इस दौरान ऐश ने बकायदा शेरवानी पहनी और सिर पर सेहरा सजा रखा था। वहीं ऐश ने अपनी बरात में बैंड बाजे की धुन पर जमकर डांस भी किया और अपनी शादी की रस्मों को एंजॉय करते नजर आए। ऐश के रिश्तेदार भी इस शादी में झूमते गाते नजर आए, उनकी मां जेनियर पैरी भी बेटे कीबरात में जमकर थिरकीं। इस दौरान दुल्हन की मां जुलुखा हुसैन काफी भावुक हो गई और उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। तो वहीं दुल्हन तबस्सुम के पिता सादिक हुसैन खुद बरात में रास्तेभर घोड़ी को पकड़कर चलते रहे। तबस्सुम के दोनों भाई और दोस्त भी बरात में नाचते रहे।

 

 

दरअसल तबस्सुम हुसैन स्कॉलरशिप मिलने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए ब्रिसबेन गई थी। इस दौरान ऐश और तबस्सुम दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे। ऐश तबस्सुम के सीनियर थे। पढ़ाई के दौरान दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे। जब परिवार के अन्य सदस्यों को दोनों के बारे में पता चला तो सभी काफी खुश हुए, जिसके बाद दोनों ने 2 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया में कोर्ट मैरिज की। शादी के बाद जब ऐश भारत घूमने आए, तो वे यहां की संस्कृति और रीति रिवाजों से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने भारतीय संस्कृति के अनुसार शादी करने का फैसला किया। ऐश अपनी मां जेनिफर पैरी के साथ शादी करने मनावर आए थे। तबस्सुम के परिवार में माता-पिता, तीन बहन और दो भाई हैं। इसमें से दो बहनों की शादी हो चुकी है। वहीं ऐश के परिवार में उनकी मां जेनिफर पैरी है। तबस्सुम ने कहा कि जब ऐश ने उन्हें प्रपोज किया तो वह इनकार नहीं कर सकी और शादी कर हम एक हो गए। 21 दिसंबर को ऐश के साथ तबस्सुम ऑस्ट्रेलिया चली जाएंगी।

 

ऑस्ट्रेलिया से मनावर पहुंचे ऐश को निमाड़ का खाना बहुत पसंद आया। उन्होंने कहा कि मुझे पोहा-जलेबी और दाल-बाफले बहुत अच्छे लगे। भारत में खाने का स्वाद काफी अच्छा है। बाकी भोजन का भी स्वाद लेंगे। ऐश कई देशों की सैर कर चुके हैं। उनकी भारत की ये दूसरी यात्रा है। उन्होंने कहा कि भारत सबसे जिंदादिल, रंग भरा और सबसे खूबसूरत देश है। उन्होंने मनावर को सबसे ज्यादा स्वागत और प्यार करने वाला शहर बताया।

 

मनावर की पटेल कॉलोनी निवासी तबस्सुम के पिता सादिक हुसैन बस स्टैंड पर छोटी सी साइकिल सुधारने की दुकान चलाते हैं। उन्हें 2016 में मप्र सरकार से तबस्सुम को उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए 45 लाख रुपये की स्कॉलरशिप मिली थी। इसके सालभर बाद 2017 में तबस्सुम पढ़ाई करने ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन चली गई। यहां साल 2020 में जर्मनी की एक कंपनी से उसे स्कॉलरशिप के रूप में करीब 74 लाख रुपये मिले। फिलहाल तबस्सुम इसी कंपनी में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत है।

 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!