दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शुक्रवार, 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। सिसोदिया पिछले 17 महीनों से तिहाड़ जेल में बंद थे और उन्हें दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी के मामलों में राहत मिली है।
गिरफ्तारी और मामले का इतिहास
सिसोदिया को सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोप में 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। इसके कुछ ही दिनों बाद, 9 मार्च, 2023 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद, सिसोदिया ने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली के डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देते हुए कहा कि इस केस में अब तक 400 से अधिक गवाह और हजारों दस्तावेज पेश किए जा चुके हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि निकट भविष्य में केस के समाप्त होने की कोई संभावना नहीं दिखती। इस स्थिति में सिसोदिया को हिरासत में रखना उनके स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।
जेल से जल्द रिहाई की प्रक्रिया
सिसोदिया की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश जल्द ही राउज एवेन्यू कोर्ट भेजा जाएगा, जहां उन्हें 10-10 लाख रुपये का बेल बॉन्ड भरना होगा। बेल बॉन्ड जमा करने के बाद रिहाई का आदेश तिहाड़ जेल भेजा जाएगा। उम्मीद है कि सिसोदिया आज शाम तक जेल से बाहर आ सकते हैं।
सिसोदिया की रिहाई के बाद अब यह देखना होगा कि वह अपनी राजनीतिक और कानूनी स्थिति को कैसे संभालते हैं। दिल्ली शराब नीति घोटाला एक बड़ा मामला है, और इस पर राजनीतिक और कानूनी लड़ाई अभी भी जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है, जबकि विपक्षी दलों ने इसे न्याय की जीत के रूप में देखा है। सिसोदिया की रिहाई के बाद दिल्ली की राजनीति में भी नए समीकरण बन सकते हैं।